‘बैगी ग्रीन’ वो चीज़ है जो ऑस्ट्रेलियन क्रिकेट टीम को पूरी दुनिया से अलग खड़ी करती है. बैगी ग्रीन उस हरे रंग की टोपी को कहते हैं, जो ऑस्ट्रेलियन टीम टेस्ट मैच दौरान पहनती है. अगर आपने कभी ध्यान दिया हो, तो पाएंगे कि ऑस्ट्रेलियन टीम की बाकी की टीमों से अलग होती है.
वर्तमान में ऑस्ट्रेलियन क्रिकेट टीम में बैगी ग्रीन की अहमियत इतनी ज़्यादा है कि कई खिलाड़ी हमेशा मैच के दौरान उसी टोपी को पहनते हैं, जो उन्हें पहली बार दी गई थी. यहां तक कि बैगी ग्रीन को न धोने का रिवाज़ भी बन चुका है. इसका पूराना होना, उस खिलाड़ी के सीनियर होने की एक निशानी है.
हालांकि आधिकारिक रूप से ऐसा कोई नियम नहीं है. सभी खिलाड़ी को हर टूर से पहले उनके किट के साथ बैगी ग्रीन भी दी जाती है. खिलाड़ी को दूसरी टोपी पहनने की छूट भी है.
ऑस्ट्रेलियन खिलाड़ी बैगी ग्रीन डॉन ब्रैडमेन के समय से भी पहले से पहन रहे हैं. लेकिन तब इसकी इतनी अहमियत नहीं हुआ करती थी. खिलाड़ी इसे सामन्य कैप की तरह ही इस्तेमाल किया करते थे. कुछ पुराने ऑस्ट्रेलियन खिलाड़ी तो बालों की सुरक्षा के लिए इसे घर की सफ़ाई के दैरान भी पहनते थे.
इसे ख़ास बनाने का श्रेय पूर्व ऑस्ट्रेलियन कप्तान मार्क टेलर और स्टीव वॉ को जाता है. उन्होंने डेब्यू करने वाले खिलाड़ी को पूर्व ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ी द्वारा टॉपी भेंट करने का रिवाज़ शुरू किया. रिकी पॉन्टिंग ने अपनी कप्तानी के दौरान डेब्यू करने वाले खिलाड़ी को ख़ुद ही बैगी ग्रीन भेंट करने का रिवाज़ शुरू किया. इसके बाद से ये चलन बन गया.
सभी ऑस्ट्रेलियन खिलाड़ी मैच के दौरान बैगी ग्रीन ही पहनते हैं. ये उनकी एकता को दर्शाता है. यहां तक कि शैन वॉर्न भी बैगी ग्रीन ही मैदान पर पहनते थे, जिन्हें गोल टोपी पहनना पसंद था. रिकी पॉन्टिंग की बैगी ग्रीन तो कई जगहों से फट चुकी थी, बावजूद इसके वो अपनी पुरानी कैप ही पहना करते थे.