पूर्व ऑस्ट्रेलियाई विकेटकीपर एडम गिलक्रिस्ट ने 18 साल पहले हरभजन सिंह की टेस्ट हैट्रिक पर सवाल उठाए तो भज्जी ने अपने ही अंदाज में गिलक्रिस्ट को मुहतोड़ जवाब दिया. यहां तक कि भज्जी ने गिली को रोंदू तक कह डाला. हालांकि, भज्जी ने कुछ देर बाद ही इस ट्वीट को हटा भी लिया.
हरभजन सिंह भारत के लिए टेस्ट क्रिकेट में हैट्रिक लेने वाले पहले गेंदबाज़ हैं. उन्होंने साल 2001 में भारत दौरे पर आई ऑस्ट्रेलियाई टीम के ख़िलाफ़ कोलकाता के ईडन गार्डन्स में हैट्रिक ली थी. इस दौरान भज्जी ने रिकी पॉन्टिंग, एडम गिलक्रिस्ट और शेन वॉर्न को लगातार तीन गेंदों पर चलता किया था. हालांकि, उस समय भी गिलक्रिस्ट के एलबीडब्ल्यू और वॉर्न के कैच आउट पर सवाल उठे थे, लेकिन अम्पायर ने दोनों को आउट करार दिया था.
दरअसल, वेस्टइंडीज़ के ख़िलाफ़ जसप्रीत बुमराह की हैट्रिक के बाद एक फ़ैन ने 18 साल पुराने विडियो को ट्वीट करते हुए हरभजन की हैट्रिक की याद ताज़ा कर दी. इस फ़ैन ने अपने ट्वीट में गिलक्रिस्ट को भी टैग किया.
In 2001,Historic Kolkata Test, Bhajji takes a Hattrick V Steve Waugh’s Invincible Aus Team. @harbhajan_singh became the 1st Indian to take a Test
— Piyush Glystar (@piyushgilly) August 28, 2019
Hat-trick🇮🇳🇮🇳
First RickyPonting√
Second- @gilly381
Third- @ShaneWarne √#GillyKingPair Hard to believe!
pic.twitter.com/Zkc6kdNRAw
इसके तुरंत बाद गिलक्रिस्ट ने इस फ़ैन के ट्वीट को रीट्वीट करते हुए लिखा- नो डीआरएस…
No DRS 😩 https://t.co/3XsCqk9ZiR
— Adam Gilchrist (@gilly381) August 31, 2019
दरअसल, उस वक्त डीआरएस नहीं हुआ करता था. अगर डीआरएस होता तो शायद भज्जी की हैट्रिक नहीं बनती.
बस फिर क्या था भज्जी तिलमिला गए और ट्वीट करते हुए लिखा-
‘आपको लगता है कि अगर आप पहली गेंद पर बच जाते तो क्या ज़्यादा देर तक विकेट पर टिक पाते? इस बात पर रोना बंद करो दोस्त. मुझे लगता था कि रिटायरमेंट के बाद आप समझदारी की बात करोगे लेकिन कुछ चीजें कभी बदलती नहीं हैं और आप उसके बेहतरीन उदाहरण हो. हमेशा रोते रहते हो’.
वेस्टइंडीज़ के ख़िलाफ़ बुमराह की हैट्रिक के भज्जी ने अपनी ऐतिहासिक हैट्रिक को लेकर कहा था कि, मुझे भी शेन वॉर्न के रूप में तीसरा विकेट डीआरएस की तरह ही मिला था. मैंने वॉर्न को एलबीडब्ल्यू या बोल्ड करने के लिए यॉर्कर गेंद फेंकी थी, लेकिन वो इसे फ़्लिक कर बैठे. मेरी क़िस्मत अच्छी थी कि सदगोपन रमेश ने तेज़ी से शानदार कैच लपक लिया. इसके बाद डिसिजन तीसरे अंपायर के पास भेजा गया और मुझे विकेट मिल गई.