कश्मकश ये नहीं है कि कौन सी राह पर चलूं

 दुविधा ये है कि किस मंज़िल को मुक़ाम चुनूं’

मंज़िल. ये कब आख़िरी होती है, इसे कैसे तय करें? शायद नहीं कर सकते क्योंकि रास्तों पर चलने वाले मंज़िलों के मोहताज होते हैं, लेकिन जो हौसलों पर सफ़र करते हैं, वो दूसरों के लिए ख़ुद एक मंज़िल बन जाते हैं. महेंन्द्र सिंह धोनी भी उनमें से ही एक हैं. एक आम शख़्स जो देखते ही देखते एक ख़ास शख़्सियत बन गया. 

indianexpress

लेकिन कहते हैं न कि सावन कितना भी सुहावना क्यों ने हो लेकिन भादो की धूप को आने से रोक नहीं सकता. हर पल बदलती दुनिया का यही नियम है. 

महेन्द्र सिंह धोनी भी इससे अछूते नहीं रहे. शनिवार को अचानक उन्होंने इंटरनेशनल क्रिकेट से संन्यास का एलान कर दिया. 

indianexpress

यूं तो हर क्रिकेट फ़ैन इस बात से वाकिफ़ था कि धोनी आज नहीं तो कल ये फ़ैसला लेंगे, लेकिन हर भारतीय ये चाहता था कि धोनी क्रिकेट के मैदान पर अपने प्रशंसकों के बीच बल्ला लहराते हुए अलविदा कहें. लेकिन माही ने इंस्टाग्राम का सहारा लिया. 

negiv

बहुत कम ऐसा होता है कि मन जज़बातों से भरा हो, लेकिन बयां करने के लिए शब्द ही न रहें. माही के फ़ैंस, दोस्त और साथी खिलाड़ी भी आज कुछ ऐसा ही महसूस कर रहे हैं. इनमें से बहुत से लोगों ने ट्विटर अपनी प्रतिक्रिया दी है. 

अलविदा माही… आप हमेशा हमारे कैप्टन कूल रहेंगे.