Cricketer Rinku Singh: बीते बुधवार को IPL के 66वें मुक़ाबले में ‘लखनऊ सुपर जाएंट्स’ और ‘कोलकाता नाइट राइडर्स’ के बीच खेले गए रोमांचक मुक़ाबले में LSG ने KKR को 2 रनों से हरा दिया था. इस मुक़ाबले में ‘लखनऊ सुपर जाएंट्स’ ने क्विंटन डी कॉक की नाबाद शतकीय पारी (140) और केएल राहुल के नाबाद 68 रनों की मदद से बिना कोई विकेट गंवाए ‘कोलकाता नाइट राइडर्स’ को 211 रनों का टारगेट दिया. लक्ष्य का पीछा करने उतरी KKR ने 9 रन पर अपने 2 विकेट गंवा दिये थे. बाद में नितीश राणा और कप्तान श्रेयश अय्यर ने अपनी शानदार बल्लेबाज़ी से टीम को अच्छी स्थिति में पहुंचाया. लेकिन इन दोनों के आउट होने के बाद टीम फिर से संकट में फंस गई.

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रिंकू सिंह ने लूट ली महफ़िल

इस बीच KKR के लिए 7वें नंबर पर बल्लेबाज़ी करने आये रिंकू सिंह (Rinku Singh) ने आख़िरी ओवरों में धमाकेदार बल्लेबाज़ी करते हुये मैच को रोमांचक बना दिया था. इस दौरान उन्होंने 15 गेंदों पर 40 रन ठोककर महफ़िल लूट ली. रिंकू सिंह 20वें ओवर की 5वीं गेंद पर दुर्भाग्यवश आउट हो गये. वरना KKR इस रोमांचक मुक़ाबले को आसानी से जीत जाता. अंत में KKR ये मुक़ाबला 2 रन हार गई और टूर्नामेंट से बाहर भी हो गई. लेकिन रिंकू सिंह इस सीज़न अपनी धमाकेदार बल्लेबाज़ी से चयनकर्ताओं का ध्यान अपनी ओर खींचने में कामयाब रहे.

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कौन हैं रिंकू सिंह (Who Is Rinku Singh)

रिंकू सिंह (Rinku Singh) भारत के एक प्रोफ़ेशनल क्रिकेटर हैं. वो साल 2014 से यूपी की रणजी टीम के प्लेयर हैं. रिंकू अब तक 30 फ़र्स्ट क्लास मैचों में 64.08 की शानदार औसत से 2307 रन बना चुके हैं. साल 2017 में ‘किंग्स इलेवन पंजाब’ ने रिंकू को अपने साथ जोड़ा था. इसके बाद साल 2018 के ऑक्शन में ‘कोलकाता नाइट राइडर्स’ ने उन्हें 80 लाख रुपये में ख़रीद लिया था. (Cricketer Rinku Singh).

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फर्श से अर्श तक की कहानी

उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ के रहने वाले रिंकू सिंह ने बचपन से ही काफ़ी स्ट्रगल किया है. बेहद ग़रीब परिवार से आने वाले रिंकू कुछ साल पहले तक घर-घर जाकर सिलेंडर पहुंचाने का काम किया करते थे. वो कुल 5 बहन-भाई हैं. उनका 1 भाई ऑटो रिक्शा चलाता है, तो दूसरा कोचिंग सेंटर में काम करता है. रिंकू वो बचपन से ही क्रिकेटर बनना चाहते थे. इसलिए पढ़ाई में उनकी ज़्यादा दिलचस्पी नहीं थी. रिंकू ग़रीबी के चलते क्रिकेट की फ़ॉर्मल ट्रेनिंग भी नहीं ले सके. बावजूद इसके आज वो एक सफ़ल क्रिकेटर बन गये हैं और करोड़ों युवाओं के लिए प्रेरणा हैं.  

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सिलेंडर डिलवरी बॉय का काम किया

रिंकू सिंह ने एक इंटरव्यू में बताया था कि, क्रिकेट की वजह से वो 9वीं कक्षा में फ़ेल हो गये थे. रिंकू जब पहले क्रिकेट खेलते थे तो पिता उन्हें डांटते और पीटते थे. मगर साल 2012 में दिल्ली में खेले गए एक टूर्नामेंट में जब उन्हें ‘मैन ऑफ़ द सीरीज़’ में बाइक मिली तो पिता ने उन्हें मारना और टोकना बंद कर दिया. उनके पिता उसी बाइक से लोगों के घर सिलेंडर डिलवर करने का काम करते थे. रिंकू भी जब क्रिकेट से फ़्री हो जाते थे तो घर-घर जाकर सिलेंडर पहुंचाने का काम किया करते थे.

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जब झाड़ू-पोछा लगाने की नौकरी मिली

रिंकू सिंह ने आर्थिक तंगी के चलते चलते एक समय नौकरी करने का फ़ैसला किया था. इस दौरान उनका बड़ा भाई उन्हें एक ऐसी जगह लेकर गया जहां रिंकू को साफ-सफ़ाई और पोछा मारने का काम करना था. कम पढ़ाई लिखाई के चलते उन्हें झाड़ू-पोछा लगाने का काम मिल गया. लेकिन उन्हें झाड़ू-पोछा का काम रास नहीं आया और वो नौकरी छोड़कर क्रिकेट में करियर बनाने चल दिए. जल्द ही रिंकू की मेहनत रंग लाई और साल 2014 में उन्हें उत्तर प्रदेश की ओर से लिस्ट-ए और टी20 क्रिकेट में डेब्यू करने का मौका मिला.

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बल्लेबाज़ ही नहीं बेहतरीन फ़ील्डर भी हैं रिंकू

रिंकू सिंह 5 साल से आईपीएल खेल रहे हैं, लेकिन बीइस दौरान उन्हें अधिक मौके नहीं मिले. आईपीएल 2022 में भी रिंकू को ज़्यादा मौके नहीं मिले, मगर इस साल उन्होंने सबसे 7 मैचों में 34.80 की शानदार औसत से 174 रन बनाए हैं. रिंकू के आईपीएल करियर पर नजर डालें तो उन्होंने बीते 5 सालों में केवल 17 मैच ही खेल पाये हैं, जिसमें उन्होंने 251 रन बनाए हैं. रिंकू अपनी बल्लेबाज़ी के अलावा शानदार फ़ील्डिंग के लिए भी जाने जाते हैं.