रविवार का दिन भारतीय खेल इतिहास के लिए बेहद शानदार रहा. बर्मिंघम कॉमनवेल्थ गेम्स के दौरान भारतीय वेटलिफ़्टरों ने एक के बाद एक ‘गोल्ड मेडल’ जीतकर देश का सिर गर्व से ऊंचा कर दिया. बर्मिंघम में पहले 19 साल के जेरेमी लालरिननुंगा ने पुरुष 67 किलोग्राम भारवर्ग में 300 किलोग्राम भार उठाकर देश के लिए ‘गोल्ड मेडल’ जीता, इसके बाद 20 साल के वेटलिफ़्टर अचिंता शिउली ने 73 किलोग्राम भारवर्ग में रिकॉर्ड 313 किलो वजन उठाकर भारत को ‘कॉमनवेल्थ गेम्स 2022′ का तीसरा ‘गोल्ड मेडल’ दिलाया. 1 दिन पहले ही भारत की स्टार वेटलिफ़्टर मीराबाई चानू ने देश को पहला ‘गोल्ड मेडल’ दिलाया था.

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कहते हैं कि ‘सोना’ अग्नि में तप कर ही शुद्ध बनता है’. भारत के युवा स्पोर्ट्स सेंसेशन जेरेमी लालरिननुंगा (Jeremy Lalrinnunga) ने इस कहावत को सच कर दिखाया है. 19 साल के जेरेमी ने ‘कॉमनवेल्थ गेम्स’ के दौरान शरीर में तेज़ दर्द, जांघ व पैर की मांसपेशियों में तेज़ खिंचाव और बार-बार गिरने के बाद फिर संभलकर देश को ‘गोल्ड मेडल’ दिलाकर इतिहास रच दिया है. इसके साथ ही वो ‘कॉमनवेल्थ गेम्स’ में देश के लिए ‘गोल्ड मेडल’ जीतने वाले सबसे युवा वेटलिफ़्टर भी बन गए हैं.

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चोटिल होने के बाद भी नहीं मानी हार 

जेरेमी लालरिननुंगा ने ‘कॉमनवेल्थ गेम्स 2022’ के दौरान दर्द से कराहने के बावजूद देश को दूसरा ‘गोल्ड मेडल’ दिलाया. दरअसल, जेरेमी को ‘क्लीन एंड जर्क’ प्रयास के दौरान शरीर में काफ़ी तेज़ ऐंठन हुई. इसके बावजूद वो उठ खड़े हुए और देश के लिए सुनहरा दांव खेला. फ़ाइनल राउंड के दौरान जेरेमी को जांघ व पैर की मांसपेशियों में काफ़ी तेज़ खिंचाव आया और वो 165 किलोग्राम का दांव नहीं उठा पाए. बावजूद इसके टोटल वेटलिफ़्ट के हिसाब से जेरेमी लालरिननुंगा (300 किलोग्राम) ने अपने प्रतिद्वंदी समोआ के वेटलिफ़्टर वेइपावा नीवो इयोन (293 किलोग्राम) और और नाइजीरिया के इडिडियोंग जोसेफ़ उमोआफिया (290 किलोग्राम) को पछाड़ते हुए ‘गोल्ड मेडल’ अपने नाम किया.

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Who is Indian Weightlifter Jeremy Lalrinnunga?

जेरेमी लालरिननुंगा (Jeremy Lalrinnunga) का जन्म 26 अक्टूबर 2002 को मिज़ोरम की राजधानी आइज़ोल में हुआ था. जेरेमी के पिता बॉक्सर रहे हैं. वो अपने गांव की एसवाईएस एकाडमी में बॉक्सिंग सिखाते हैं. दरअसल, जेरेमी का पहला प्यार वेटलिफ्टिंग नहीं, बल्कि बॉक्सिंग है. जेरेमी ने 6 साल की उम्र से ही अपने पिता के मार्गदर्शन में बॉक्सिंग की ट्रेनिंग लेनी शुरू कर दी थी. वो बचपन से ही बॉक्सर बनना चाहते थे, लेकिन 8 साल पहले अपने दोस्तों के जुनून को देखते हुए जेरेमी ने वेटलिफ्टिंग को चुना था. जेरेमी ने साल 2011 में ‘आर्मी स्पोर्टस इंस्टीट्यूट’ से जुड़ने के बाद पीछे मुड़कर नहीं देखा और बेहद कम उम्र से ही ‘नेशनल लेवल’ पर मेडल जीतने शुरू कर दिए थे.

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अब तक कैसा रहा जेरेमी का करियर

जेरेमी लालरिननुंगा (Jeremy Lalrinnunga) ने भारत के लिए अपने इंटरनेशनल करियर की शुरुआत जूनियर लेवल पर साल 2016 में की थी. जेरेमी ने 2016 में केवल 13 साल की उम्र में ‘World Youth Championship’ में 56 किलोग्राम भार वर्ग में ‘सिल्वर मेडल’ जीतकर हर किसी को हैरान कर दिया था. इसके बाद साल 2017 में ‘World Championships’ के दौरान भी ‘सिल्वर मेडल’ अपने नाम किया था. साल 2018 में ब्यूनस आयर्स में आयोजित ‘Youth Olympic Games’ के दौरान जेरेमी ने अपने करियर का पहला ‘गोल्ड मेडल’ जीता था. इसके बाद साल 2021 में ताशकंद में आयोजित ‘Commonwealth Championships’ के दौरान भी जेरेमी ने भारत के लिए ‘गोल्ड मेडल’ जीता.

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जेरेमी लालरिननुंगा (Jeremy Lalrinnunga) की असल यात्रा अब शुरू होगी. दरअसल, जेरेमी अब ‘ओलिंपिक’ में 73 किलोग्राम के लिए भार वर्ग में उतरने की तैयारी करेंगे.