दुनिया में कहीं भी जब कोई बड़ा Sporting Event हो रहा होता है तो उसमें भाग लेनी वाली टीमों के देश का राष्ट्रगान ज़रूर बजाया जाता है, वो भी ठीक मैच शुरू होने से पहले. खेल चाहे कोई भी हो, देश कोई भी हो, चैंपियनशिप कोई भी हो, राष्ट्रगान हर हाल में बजाया जाता है.

हालांकि, हमेशा से ऐसा नहीं था. खेल से पहले राष्ट्रगान बजाय जाने की कोई परंपरा भी नहीं रही है इतिहास में. राष्ट्रगान का अस्तित्व भी पहले नहीं था. 1789-1799 के फ़ांसीसी क्रांति के दौरान राष्ट्रगान प्रचलित हुआ था. मगर खेलों में राष्ट्रगान और देशभक्ति का पदार्पण कब हुआ, आइये जानते हैं:

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इस कहानी की शुरुआत होती है अमेरिका से. Star-Spangled Banner अमेरिका का राष्ट्रगान है. राष्ट्रगान घोषित किए जाने से 2-3 सदी पूर्व से ही ये गीत अमेरिकी इतिहास का हिस्सा था. 1812 के युद्ध के दौरान मैरीलैंड के बाल्टीमोर में Fort McHenry के ऊपर अमेरिकी सैनिकों द्वारा लहराए गए विशालकाय अमेरिकी ध्वज को देखकर Francis Key Scott ने इसे लिखा था.

अमेरिकी गृहयुद्ध के बाद इसे काफ़ी लोकप्रियता मिली और 1890 का दशक आते-आते इस गीत को औपचारिक आयोजनों जैसे झंडा फहराने और उतारने के समय बजाया जाने लगा.

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1916 में राष्ट्रपति वुडरो विल्सन ने एक कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर कर इसे संयुक्त राज्य अमेरिका का राष्ट्रगान घोषित कर दिया. पंद्रह साल बाद, अमेरिकी कांग्रेस ने एक विधेयक पारित कर इसे आधिकारिक राष्ट्रगान का दर्जा दे दिया.

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इसी दौरान प्रथम विश्व युद्ध अपने चरम पर था. 5 सितंबर 1918 को World Series के Game 1 में Boston Red Sox और Chicago Cubs के बीच बेसबॉल मैच खेला जा रहा था. खेल के सातवें-इनिंग के दौरान एक मिलिट्री बैंड ने Star-Spangled Banner बजाना शुरू कर दिया. देखते ही देखते खिलाड़ी सहित पूरे स्टेडियम में आए हज़ारों लोगों ने खड़े होकर एक साथ राष्ट्रगान गाना शुरू कर दिया. अंत में तालियों की गड़गड़ाहट से पूरा स्टेडियम गूंज गया.

ये तब की बात है जब प्रथम विश्व युद्ध के दौरान एक दिन पहले ही शिकागो फे़डरल बिल्डिंग में बम विस्फोट हुआ था. इस जोश को आगे बढ़ाते हुए World Series के अगले 2 मैचों में राष्ट्रगान को फ़िर बजाया गया. द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान भी इस गीत को बेसबॉल मैच से पहले बजाया जाने लगा. धीरे-धीरे दूसरे खेलों में भी इस मॉडल को अपनाया जाने लगा.

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1945 में तब के NFL Commissioner, Elmer Layden ने कहा कि हर मैच की शुरुआत में राष्ट्रगान को बजाया जाना चाहिए. दरअसल, उनका मानना था कि राष्ट्रगान बजाने वाला रिवाज़ सिर्फ़ इसलिए ख़त्म नहीं हो जाना चाहिए क्योंकि दूसरा विश्व युद्ध खत्म हो चुका है. NBA के साथ-साथ अन्य खेल प्रतियोगिताएं जैसे मुक्केबाजी, हॉकी, फुटबॉल, टेनिस आदि ने आने वाले सालों में इस परंपरा को अपना लिया.

राष्ट्रगान बजाये जाने को अब किसी भी मैच का ज़रूरी हिस्सा माना जाता है क्योंकि अब ये सम्मान का प्रतीक है.

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