भारतीय बैडमिंटन स्टार बी. साई प्रणीत ने स्विट्ज़रलैंड में चल रही वर्ल्ड बैंडमिंटन चैंपियनशिप में इतिहास रच दिया. वो पुरुषों के एकल वर्ग में 36 साल बाद कोई पदक जीतने वाले खिलाड़ी बन गए हैं. उन्होंने कांस्य पदक हासिल कर ये नया कीर्तिमान स्थापित किया है.
विश्व चैंपियनशिप में पुरुषों की एकल स्पर्धा में 36 साल से चला आ रहा सूखा ख़त्म हो गया. बी. साई प्रणीत को विश्व चैंपियनशिप के सेमीफ़ाइनल में हार का सामना कर कांस्य पदक से संतोष करना पड़ा. सेमीफ़ाइनल में उनका मुकाबला गत चैंपियन Kento Momota से हुआ था.
Momota ने उन्हें एक तरफा मुकाबले में 13-21, 8-21 से हरा दिया. इस बात की जानकारी Badminton Association Of India (BAI) ने अपने ट्विटर अकाउंट से दी है.
Praneeth wins bronze!🥉@saiprneeth92 ends his campaign at World #Badminton C’ships with a bronze after losing to World #1 #KentoMomota.🏸
— SAIMedia (@Media_SAI) August 24, 2019
👉🏻He beat World #4 #JonathanChristie & #8 #AnthonyGinting earlier.
👉🏻 He becomes 1st Indian men’s player in 36 yrs to win medal at C’ships.👏🏻 pic.twitter.com/uSmUrtmwDS
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि 1983 में भारत के दिग्गज बैडमिंटन खिलाड़ी प्रकाश पादुकोण ने कांस्य पदक जीता था. उसके बाद से कोई भी बैडमिंटन खिलाड़ी पुरुषों के एकल वर्ग में पदक जीतने में कामयाब नहीं हुआ था. यहां तक कि साल 2012 में ऑल इंग्लैंड ओपन ख़िताब जीतने वाले पुलेला गोपींचद भी विश्व चैंपियनशिप में कोई पदक नहीं जीत सके थे, जो प्रणीत के कोच हैं.
27 वर्षीय प्रणीत ने साल 2010 में मैक्सिको में वर्ल्ड जूनियर चैंपियनशिप में कांस्य पदक जीता था. इसके बाद साल 2016 में कनाडा ओपन में उन्होंने अपना पहला ग्रैंड प्रिक्स ख़िताब जीता था. साल 2017 में सिंगापुर ओपन में करियर का पहला सुपर सीरीज़ ख़िताब भी अपने नाम किया था.
विश्व रैंकिंग में प्रणीत पिछले 2 साल से टॉप 20 में बने हुए हैं. उनकी सर्वश्रेष्ठ रैकिंग 12 रही है, जो उन्होंने पिछले साल मार्च में हासिल की थी. फ़िलहाल वो 19वें नंबर पर हैं. उनके हालिया प्रदर्शन को देखते हुए साल 2019 में उनका नाम अर्जुन पुरस्कार के लिए भी चुना गया है.
प्रणीत को हमारी तरफ से बहुत-बहुत बधाई. उम्मीद है कि आगे भी इसी तरह बैडमिंटन में देश का नाम रोशन करते रहेंगे.