इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल (आईसीसी) ने ज़िम्बाब्वे क्रिकेट को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है. आईसीसी ने अपनी सालाना बैठक में ये बड़ा फ़ैसला लिया है. बैठक के दौरान ज़िम्बाब्वे क्रिकेट पर सर्वसम्मति के साथ ये फ़ैसला लिया गया.
ICC: Zimbabwe Cricket have been suspended with immediate effect.The ICC Board unanimously decided that the Full Member had failed to fulfill their obligation to provide a process for free&democratic elections and to ensure that there’s no govt interference in its admn for cricket pic.twitter.com/6MlPfp7WF3
— ANI (@ANI) July 18, 2019
दरअसल, पिछले कुछ सालों से ज़िम्बाब्वे के राजनीतिक हालात ठीक नहीं है. जिसका सीधा असर ज़िम्बाब्वे क्रिकेट बोर्ड पर भी पड़ रहा है. बोर्ड में बढ़ती राजनीति और अनियमितताओं के चलते उनकी क्रिकेट का स्तर लगातार गिरता जा रहा है.

आईसीसी ने अपने बयान में कहा है कि ‘क्रिकेट ज़िम्बाब्वे लोकतांत्रिक तरीके से निष्पक्ष चुनाव कराने में नाकाम रहा. इसके अलावा बोर्ड सरकारी दखलअंदाजी को ख़त्म करने में भी असफ़ल रहा. यही कारण है कि ज़िम्बाब्वे क्रिकेट बोर्ड पर ये कार्रवाई की गई है.

आईसीसी के इस फ़ैसले के साथ ही अब ‘ज़िम्बाब्वे क्रिकेट बोर्ड’ को आईसीसी फंडिंग भी नहीं मिलेगी. साथ ही ज़िम्बाब्वे की कोई भी क्रिकेट टीम आईसीसी इवेंट्स में हिस्सा नहीं ले पाएगी. आईसीसी के इस फ़ैसले के अक्टूबर में पुरुषों के टी20 वर्ल्ड कप क्वालिफ़ायर में खेलना ज़िम्बाब्वे मुश्किल हो गया है.
Zimbabwe Cricket have been suspended with immediate effect.https://t.co/lfOC8J5LRm
— ICC (@ICC) July 18, 2019
आईसीसी चेयरमैन शशांक मनोहर ने कहा, ‘किसी सदस्य को निलंबित करने का फ़ैसला सर्वसहमति से लिया जाता. हमें खेल को राजनीतिक हस्तक्षेप से अलग रखना चाहिए. ज़िम्बाब्वे क्रिकेट बोर्ड ने आईसीसी संविधान का उल्लंघन किया है. इसलिए हम चाहते हैं कि आईसीसी संविधान के दायरे में ही ज़िम्बाब्वे में क्रिकेट जारी रहे.
How one decision has made a team , strangers
— Sikandar Raza (@SRazaB24) July 18, 2019
How one decision has made so many people unemployed
How one decision effect so many families
How one decision has ended so many careers
Certainly not how I wanted to say goodbye to international cricket. @ICC pic.twitter.com/lEW02Qakwx
एक दौर था जब ज़िम्बाब्वे की क्रिकेट टीम खेल के हर फ़ील्ड में शानदार प्रदर्शन करती थी. साल 1999 और 2003 वर्ल्ड कप तक ज़िम्बाब्वे की टीम में एलिस्टर कैंपबेल, एंडी फ़्लावर, ग्रांट फ़्लावर, हीथ स्ट्रीक, नील जॉनसन, हेनरी ओलंगा और मरे गुडविन जैसे वर्ल्ड क्लास प्लेयर्स हुआ करते थे.

आज ज़िम्बाब्वे क्रिकेट के हालात ये हो गए हैं कि फ़ैंस को उनके किसी भी खिलाड़ी का नाम याद तक नहीं है. पिछले 10 सालों से ‘ज़िम्बाब्वे क्रिकेट बोर्ड’ आर्थिक तंगी से जूझ रहा है. खिलाड़ी सालों साल बिना सैलरी के अपने देश के लिए क्रिकेट खेलने को मज़बूर हैं.
Extremely heart breaking news for all Zim cricketers and their fans, reading the tweets of @SRazaB24 just shows the agony of cricketers and how their life’s have been taken away from them. I pray that the lovely cricket nation returns to its glory asap! #ZimbabweCricket
— Ashwin Ravichandran (@ashwinravi99) July 19, 2019