वो तुम्हें घूरते हैं… तुम नज़रें नीची कर लिया करो.
वो तुम्हारा पीछा करते हैं… रास्ता बदल कर चलो.
वो तुम्हें छूकर, हंसते हुए निकल जाते हैं… भूल जाओ, विरोध मत करो.
जो भी काम हो दिन में कर के आ जाओ, बेहतर होगा घर के पुरुषों को कह दो, वो लेकर आ जाएंगे.
ये वो चंद हिदायतें हैं जो अक़सर अपने देश में लड़कियों को दी जाती हैं.
कुछ दिनों पहले Scoop Whoop के दफ़्तर में कुछ कर्मचारियों से एक सवाल किया गया. सवाल था,
‘सबसे बड़ा डर क्या है?’
पुरुष कर्मचारियों का जवाब कुछ यूं था, आर्थिक संकट, हारने का डर.
वहीं महिला कर्मचारियों का जवाब था, रेप का डर, पीछा करने का डर, छेड़छाड़ का डर.
Stalking कोई ख़्याली पुलाव नहीं, हक़ीक़त है
Stalking यानी पीछा करना. जहां भी एक शख़्स जाए, उसके पीछे लग जाना. उसकी हर गतिविधि पर नज़र रखना.
कुछ लोग तो ये भी कहते हैं, कि कोई पीछा करे तो रास्ता बदल लिया करो, रिक्शा ले लिया करो, लेकिन Stalking कई महिलाओं के लिए जानलेवा भी साबित हुई है, सुबूत के तौर पर कुछ घटनाएं-
1.स्थान- दिल्ली
सिरफिरे ने मारी गोली, लड़की ज़िन्दा है
दिल्ली में एक सिरफ़िर ने 2 दिन पहले ही एक लड़की पर गोली चला दी थी. कारण? लड़की ने शादी का प्रस्ताव ठुकरा दिया था.
2. स्थान- चेन्नई
24 वर्षीय स्वाथि की उसके Stalker, राम कुमार ने दिन-दहाड़े हत्या कर दी. हत्या तब हुई जब स्वाथि स्टेशन पर अपनी ट्रेन का इंतज़ार कर रही थी.
3. स्थान- चंडीगढ़
डीजे वर्णिका कुंडू का दो लड़कों ने काफ़ी देर तक पीछा किया. आरोपियों में से एक हरियाणा के बीजेपी चीफ़ का बेटा है.
4. स्थान- मुंबई/दिल्ली
Stalker से परेशान होकर एक लड़की को अपनी नौकरी छोड़कर दिल्ली आना पड़ा. वो सरफिरा दिल्ली में भी उसे और उसके घरवालों को परेशान करने लगा, तब जाकर FIR लिखवाई गई.
5. स्थान- उत्तर प्रदेश का एक गांव
उत्तर प्रदेश के कलवारी थाना क्षेत्र के एक गांव में एक सिरफिरे ने एक महिला को जलाने की कोशिश की. महिला की दादी और मां जब उसे बचाने पहुंची तब आरोपी ने उनकी हत्या कर दी.
6. स्थान- दिल्ली
पूर्वी दिल्ली के शहादरा इलाके में एक Stalker ने 21 वर्षीय लड़की की चाकू मारकर हत्या कर दी. वो आधे घंटे सड़क पर पड़ी रही, समय पर इलाज के अभाव में उसकी मौत हो गई.
क्या अब भी लगता है कि Stalking मन की भ्रान्ति है और सुनी-सुनाई बात है?
ग़लती बॉलीवुड की भी है
बॉलीवुड में जिस तरह से Stalking को Cool दिखाया गया है, वो कितना ग़लत है, ये हत्या और हमले की घटनाएं इस बात का सुबूत हैं. शायद ही कोई लड़की होगी, जो पीछा किए जाने के बाद प्रेम प्रस्ताव या विवाह प्रस्ताव स्वीकार कर ले. तो फिर क्यों फ़िल्म निर्माता इस तरह का कॉन्टेंट
क्या इसका कोई अंत नहीं?
ऐसी घटनाएं देखकर किसी को भी डर लग सकता है. किसी भी सिरफिरे का अगला शिकार कौन होगा, कुछ कहा नहीं जा सकता.
एक सवाल जिसका जवाब शायद ही कहीं हो, ‘आख़िर कब तक बिना बात के महिलाएं और लड़कियां अपनी जान गंवाती रहेंगी?’