प्रदूषण को हमने इतना नज़रअंदाज़ किया है कि आज ये खुद में एक ऐसी समस्या बन चुका है, जिसका समाधान ढूंढना अब नामुमकिन-सा लगता है. समय-समय पर इस बाबत कई सम्मेलन होते हैं, पर ज़मीनी स्तर पर ये सभी सम्मेलन विफ़ल होते हुए दिखाई देते हैं. ऐसे में एक ऐसा शख़्स भी है, जिसने लोगों को जागरूक करने का ज़िम्मा लिया. पुर्तगाल के रहने वाले इस शख़्स का नाम Artur Bordalo है, जो एक स्ट्रीट आर्टिस्ट हैं. Artur Bordalo ने लोगों को जागरूक करने के लिए सड़क और दीवार को अपना कैनवास बनाया, जबकि बेकार पड़े सामान को जानवरों का रूप देकर उस कैनवास में रंग भरा. लोगों को इस आर्टिस्ट की कलाकारी इतनी पसंद आ रही है कि ये आर्टिस्ट पुर्तगाल की गलियों से निकल कर अब इंटरनेशनल फ़ेम हासिल करने लगा है.

हाल ही में Artur Bordalo अपनी इस जागरूक यात्रा के साथ अमेरिका पहुंचे, जहां उन्होंने कहा कि वो आगे भी ऐसे ही लोगों को जागरूक करते रहेंगे. आज हम आपके लिए Artur Bordalo की कुछ ऐसी ही कलाकारियों की तस्वीरें ले कर आये हैं, जिन्हें देख कर आप भी कहेंगे वाकई ये बंदा काफ़ी क्रिएटिव है.

इस बाज़ के सामने सबका कद छोटा पड़ जाता है. 

कोई मुझे भी दाना डाल दो यार!

ये बन्दा वाकई कमाल है.

छुओ मगर प्यार से.

हम काले हैं, तो क्या हुआ, दिलवाले हैं…

निकल लो, ये तो पूंछ पर ही सवार होने को तैयार है.

बहुत तंग किया करता था आज इसे पकड़ ही लिया.

आईला तुम ने अपन को देख लिया.

अपना नंबर कब आएगा?

ऐ बॉस तुम अपन को भूला तो नहीं?

इन आंखों में झांकने की हिम्मत किसी की नहीं.

इस चूहे से कोई नहीं डरता.

हर तरफ़ तेरा जलवा.

यही खरगोश, कछुए से रेस जीत गया था. 

इस पिगी का कोई बैंक नहीं. 

परछाई की तरह अकेला.

इस हिरन के सामने तो सलमान भाई का कद छोटा पड़ जायेगा.

इनके बिना कोई लिस्ट कैसे पूरी हो सकती है.

इसके बारे में, तो बस एक ही बात कही जा सकती है… छो छवित…

इससे बच के रहने में ही भलाई है.

कबाड़ से बना है, पर कमाल है.

साथी की तलाश में साही.

ये अकेले ही शहद जुटाने निकली है.

ओहो ये भी है मैदान में!

किट्टी पाई…

ये सारस हमेशा ही जोड़े में रहते हैं.

अकेले हर किसी पर नज़र रखे हुए.

शिकार के इंतज़ार में खामोश.

इस छिपकली से कोई नहीं डरता.

दो किनारों पर कैद एक खरगोश.

ये भी कभी टर्र…टर्र… करता था. 

खुद की ख़ामोशी से बात करता एक शख्स.

लाल दीवार से बाहर आने की कोशिश करता चूहा.

कबाड़ कार पर सवार लौमड़ी.

कबाड़ में कैद एक मछली. 

उम्मीद की तलाश में लोगों की राह ताकता झुण्ड.

वक़्त के साथ रंग बदलता एक गिरगिट.

ये कहीं भी अपना घर बना लेता है. 

बूढ़ी हो चुकी एक नांव के साथ समंदर का सफ़र.