पेट्रोल या डीज़ल के मुक़ाबले CNG (Compressed Natural Gas) से गाड़ी चलाना सस्ता होता है. सस्ता होने के साथ-साथ CNG अन्य ईंधनों की तुलना में कम प्रदूषण करती है. इसके चलते आजकल CNG से चलने वाली गाड़ियों का चलन तेज़ी से बढ़ता जा रहा है.
भारत की सड़कों पर चलने वाली टैक्सियां ज़्यादातर CNG से चलती हैं. ऐसे में क्या आपने कभी ध्यान दिया है कि गाड़ी में CNG भरवाने से पहले टैक्सी ड्राइवर आपको गाड़ी से उतरने के लिए क्यों कहता है?
दरअसल पेट्रोल और डीज़ल की अपेक्षा CNG में किसी तरह की दुर्घटना होने का ख़तरा ज़्यादा रहता है क्योंकि इसे High Pressure में रखा जाता है. किसी तरह के लीक, दबाव और अन्य कारणों से हादसा हो सकता है. ऐसा देखा गया है कि अधिकतर गाड़ियों में फैक्ट्री फिटेड CNG (Factory Fitted CNG) नहीं होती, इसके चलते ये डर और भी बढ़ जाता है. इन सारे कारणों से गाड़ी में आग लगने का ख़तरा ज़्यादा रहता है.
साथ ही CNG के पंप की बनावट, पेट्रोल और डीज़ल के पंप की बनावट से अलग होती है. ऐसे में ग्राहक किसी भी तरह की ठगी से बचा रहे इसके लिए गाड़ी से उतरने के लिए कहा जाता है.
इसके साथ ही CNG की महक से भी आपको दिक्कत हो सकती है. यह ज़हरीली नहीं होती लेकिन इसके संपर्क में आने से आपका सर चकरा सकता है, ऐसे में बाहर निकलना ही उचित है.