भारत-चीन तनाव के बीच भारतीय सेना ने अपने सबसे ताक़तवर ‘T-90 भीष्म’ टैंक को सीमा पर तैनात कर दिया है. रूसी टेक्नोलॉजी वाले ‘T-90’ को दुनिया का सबसे बेहतरीन टैंक माना जाता है. ये ताक़तवर टैंक अपनी थर्मल टैक्नॉलॉजी के ज़रिए रात में भी दुश्मन के ठिकानों को तबाह कर सकता है. 

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बता दें कि भारत ने साल 2001 में रूस के साथ हुई एक बड़ी सैन्य डील के तहत भारतीय सेना के टैंक बेड़े को ताक़त देने के लिए बड़े पैमाने पर अत्याधुनिक ‘T-90’ टैंक का ऑर्डर दिया था. पिछले 19 सालों में रूस से सैकड़ों टैंक भारत आ चुके हैं, जबकि हाल के सालों में 124 अपग्रेडेड ‘T-90’ टैंक भारत आए थे और आने बाकी हैं.

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भारतीय सेना ने रूस में निर्मित ‘T-90’ टैंक को नया नाम दिया है. महाभारत के भीष्म पितामह के नाम पर इसे ‘T-90 भीष्म’ नाम दिया है. हाल ही में भारतीय सेना ने चीन को सबक सिखाने के लिए 124 में से 6 भीष्म टैंक गलवान घाटी में तैनात कर दिए हैं. 

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रूसी टेक्नोलॉजी वाले ‘T-90 भीष्म’ टैंक को दुनिया का सबसे बेहतर और ख़तरनाक हथियार माना जाता है. वर्तमान में ‘T-90 भीष्म’ टैंक भारतीय सेना का प्रमुख युद्धक टैंक है. ‘T-90 भीष्म’ का वजन 48 टन है. ये दुनिया के सबसे हल्के टैंकों में से एक है. 

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ये हैं ‘T-90 भीष्म’ टैंक की ख़ासियत 

भारतीय सेना का ‘T-90 भीष्म’ टैंक 5 किलोमीटर दूर तक वार करने में सक्षम है. ये दिन ही नहीं रात में भी वार करने में सक्षम है. भीष्म टैंक एंटी टैंक मिसाइल छोड़ने में भी सक्षम है. ये जैविक और रासायनिक हथियारों से भी आसानी से निपट सकता है. इस टैंक में 125 मिमी स्मूथबोर गन भी लगी हुई है, जो इसे और भी ताक़तवर बनाती है.

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इसके अलावा ‘T-90 भीष्म’ टैंक 100 मीटर से लेकर 5 किलोमीटर तक की दूरी तक विरोधी टैंक को निशाना बना सकता है. ये हवाई हमले भी एकदम सटीक करता है. ये टैंक आसमान में उड़ रहे दुश्मन के हेलीकॉप्टर को नष्ट करने में सक्षम है. इस टैंक में ख़ास तरह की विस्फोटक प्लेट भी लगाई गई हैं. युद्ध के दौरान अगर बम या मिसाइल इस टैंक की प्लेट से टकराते हैं तो ये उनकी ताक़त को ख़त्म कर देता है.

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इन 10 बिंदुओं के ज़रिए ‘T-90 भीष्म’ टैंक की ताकत को जानिए- 

1- ये टैंक 60 सेकेंड में 8 गोले फ़ायर करने में सक्षम है.


2- इस टैंक में अचूक 125 MM की मेन गन लगी हुई है.

3- इसमें 6 किमी दूर मिसाइल लॉन्च करने की क्षमता है.

4- इस टैंक में 1000 हॉर्स पावर का शक्तिशाली इंजन है.

5- ये न्यूक्लियर-बायोलॉजिकल-कैमिकल युद्ध में सक्षम है.

6- ये मिसाइल हमले को रोकने वाला सबसे मज़बूत कवच है.

7- इसका वजन 48 टन है, दुनिया के हल्के टैंकों में से एक है.

8- ये टैंक एक बार में 550 किमी की दूरी तय करने में सक्षम है.

9- ये टैंक दिन के आलावा रात में भी दुश्मन से लड़ने में सक्षम है.

10- ये हर तरह की सतह पर 72 किमी/घंटे की तेज़ रफ़्तार से भाग सकता है.

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भारतीय सेना के टैंकों की संख्या पर गौर करें, तो इस वक्त हमारे पास 1000 से अधिक T-90 टैंक, 1950 T-72 टैंक, 122 स्वदेशी MBT टैंक अर्जुन और क़रीब 1100 दूसरे टैंक हैं. भारतीय सेना कि टैंक रेजिमेंट भारत-पाक सीमा के अलावा चीन की सीमा पर भी तैनात है. बता दें कि भारत के पास रूसी टैंकों का एक बड़ा जखीरा है, जिसमें T-55, T-72 और T-90 टैंक शामिल हैं.