हिमाचल प्रदेश की पहाड़ियों पर बसे मैक्लोडगंज ने, तिब्बत और बुद्ध को अपने भीतर रचा-बसा लिया है. शिवालिक पर्वतों पर बसी ये जगह, स्वर्ग से ज़रा भी कम नहीं है. बौद्ध मठों, ख़ूबसूरत वादियों और बेहतरीन मौसम को ओढ़े मैक्लोडगंज पर प्रकृति मेहरबान है.

Mouthshut

विदेशों से बहुत सारे सैलानी सिर्फ़ इसलिए यहां आते है कि वे यहां के आध्यात्मिक परिवेश को समझ सकें.

Mcleodganj हर कदम पर विविधता समेटे हुए है. दलाई लामा के आते ही यहां भीड़ उमड़ने लगती है. बुद्ध धर्म के चौदहवें दलाई लामा और उनके समर्थक तिब्बती शरणार्थियों की वजह से, मैक्लोडगंज दुनिया भर में बहुत प्रसिद्ध है.

अध्यात्म, रोमांच और फ़न के संगम मैक्लोडगंज को ये दस चीज़ें और ख़ास बनाती हैं.

Tsuglag Khang मंदिर में अध्यात्मिक प्रार्थना

तिबत्तियों के लिए Tsuglag Khang Complex, भारत के सबसे पवित्र जगहों में से एक है. Mcleodganj के दक्षिण-पश्चिम इलाक़े में 14वें दलाई लामा का आधिकारिक निवास है. यहां तिब्बतियन बुद्धिज़्म की झलक मिलती है. इस कॉम्प्लेक्स में Tibet Museum, Namgyal Gompa और Tsuglag Khang मंदिर भी है. चारो तरफ़ गूंजती प्रार्थनाएं और मंदिरों में बजने वाली घंटियां यहां को और ख़ास बनाती हैं.

अगर आप दलाई लामा को न देख पाएं, तो बिलकुल भी अफ़सोस न करें. यहां आप जिधर देखेंगे उधर सैकड़ों दलाई लामा जैसे संन्यासी नज़र आएंगे. बौद्ध भिक्षुओं से घिरे इस पवित्र मठ का कोना-कोना दर्शनीय है.

हिमाचल की हवाओं में पैराग्लाइडिंग

पंछियों की तरह पहाड़ों के ऊपर हवा में तैरने का रोमांच, आप मैक्लोडगंज में महसूस कर सकते हैं. Billing में की गई पैराग्लाइडिंग ज़िन्दगी की सबसे ख़ूबसूरत यादों का हिस्सा बन सकती है. पैराग्लाइडिंग के दीवानों के लिए ये जगह जन्नत है. यहां कई देशों से लोग पैराग्लाइडिंग के लिए आते हैं. यहां कुछ अंतर्राष्ट्रीय पैराग्लाइडिंग प्रतियोगिताएं भी होती हैं और पैराग्लाइडिंग विश्वकप भी कराया जाता है. जिन्हें हवा में तैरने का शौक हो ये जगह उन्हीं के लिए बनी है.

इससे ऊपर धौलाधार Mountain Range और कांगड़ा घाटी है जहां की ख़ूबसूरती देखते ही बनती है.

Bhagsu Waterfall का नज़ारा

धर्मशाला की ख़ूबसूरत वादियों में एक से बढ़कर एक नज़ारे हैं. Bhagsu Waterfall भी उनमें से एक है. ऊंचाई से गिरता हुआ पानी और आस-पास की हरियाली इस जगह को और ख़ास बना देती है. इस झरने के पास ही भगवान शिव का ‘भाग्सू मंदिर’ बना है. मंदिर के बारे में लोग कहते हैं कि एक बार नागों के देवता और राजा भाग्सू की बीच इस झरने के पानी को लेकर लड़ाई हो गई. लड़ाई में राजा की हार हो गई लेकिन नागों ने राजा को माफ़ कर दिया और उन्हें उनका राज्य सौंप दिया. इस लड़ाई के बाद ही राजा ने मंदिर बनवाया. इस झील का पानी बहुत मीठा है. उंचाई से पानी के गिरने की वजह से यहां एक अलग सा संगीत गूंजता रहता है जिसे सुनने के लिए पर्यटक घंटों रुके रहते हैं.

St. John Church

Mcleodganj के पास बना ये चर्च, बेहद ख़ूबसूरत है. 1852 में बना ये चर्च Lord Elgin के समय में बना था. Lord Elgin भारत के गवर्नर जनरल थे.

जंगलों में बने इस चर्च में क्रिसमस के दिन बहुत भीड़ होती है और यहां लोग प्रार्थना करने आते हैं. जंगल के सन्नाटे में बजती चर्च की घंटियां पर्यटकों को बहुत लुभाती हैं.

त्रियुंड की Trekking

त्रियुंड सैलानियों के बीच Trekking के लिए जाना जाता है. यहां की चढ़ाई बहुत मुश्किल है.

 यहां आने से पहले आप अपने आप को मैक्लोडगंज के मौसम के हिसाब से ढाल लें, तभी आगे बढ़ें. यात्रा के रोमांच से आपका सामना मैक्लोडगंज में ही हो जाता है. धौलाधार की पहाड़ियों पर बर्फ़ जमी रहती है. इसलिए यहां आने से पहले सर्दी झेलने के लिए तैयार रहें. अगर आप मौसम के प्रति बहुत संवेदनशील हैं तो दिसम्बर जनवरी में यहां की ट्रिप न बनायें.

चार घंटे की लगातार चढ़ाई के बाद हिमालय दिखना शुरू होता है. हर तरफ़ बर्फ़ ही बर्फ़. ऐसा लगता है कि किसी ने सफ़ेद चादर से पहाड़ी को ढक दिया हो. आराम करने के लिए यहां आप टेंट किराये पर ले सकते हैं.

Central Tibetan Secretariat

चीन का तिब्बत पर अवैध कब्ज़ा है, जिसके ख़िलाफ़ दलाई लामा और तिब्बती नागरिक लड़ाई लड़ रहे हैं. 

चीन की सरकार ने दलाई लामा और उनके समर्थकों को निर्वासन दिया है जिसके कारण, वे भारत के शरणार्थी हैं. तिब्बत के चीन के कब्ज़े में होने की वजह से तिब्बत की सरकार भारत से चलाई जा रही है. तिब्बत को चीन से आज़ाद कराने के लिए यहीं से सारे आन्दोलन विश्व भर में चलाये जाते हैं. तिब्बती संस्कृति और दर्शन को क़रीब से समझने के लिए यहां से अच्छी जगह कोई नहीं है. यहां भारत से चलने वाला तिब्बती सरकार का Headquarter है.

Gangchen Kyishong,Tibetan Works और Archives की लाइब्रेरी है, जहां तिब्बती इतिहास की किताबों और धार्मिक हस्तलेखों को सुरक्षित रखा गया है.

Mcleodganj की वादियों में योग

यहां लोग अध्यात्मिक और मानसिक शांति के लिए आते हैं. योग भी इसी पड़ाव का हिस्सा है. यहां योग सिखाया जाता है. मैक्लोडगंज में बहुत से योग शिक्षा केंद्र हैं, जहां योग सिखाये जाते हैं.

Mcleodganj Ayurvedic Healing Therapies और Spa Treatments के लिए भी जाना जाता है. यहां बहुत से लोग योग और मानसिक शांति पाने के लिए आते हैं.

TIPA के फ़्लॉक डांस का लुत्फ़

Tibetan Institute of Performing Arts (TIPA), तिब्बत की सांस्कृतिक झलकियों को दिखाता है.

तिब्बत की लोक संस्कृति और संगीत को सैलानियों के बीच लोकप्रिय बनाती यह संस्था, पर्यटकों को अपनी ओर खींचती है.

अब बाज़ारों की बात हो जाए

McLeodganj Central Square में Nowrojee and Son, शहर की सबसे पुरानी दुकान है जो 1860में खुली थी.

यहां की दुकानों में Wooden Carvings, Thangka Tapestry Paintings और Handicrafts अच्छे दामों में मिलते हैं.

 यहां सड़कों पर तिब्बती टोकरियां, पर्स, पेंटिंग्स, और गहने बेचते लोग मिल जाते हैं. इन बाज़ारों में आपको पैसे ख़र्च करने पर अफ़सोस नहीं होगा, क्योंकि यहां की दुकाने ख़रीददारों के लिए जन्नत हैं.

तिब्बती व्यंजनों के चटखारे

ख़ूबसूरत वादियों में अगर ज़ायकेदार खाना मिल जाए तो क्या कहना. यहां तिब्बती व्यंजनों का स्वाद आपको पारंपरिक भारतीय खानों से बिलकुल अलग मिलेगा. 

यहां आकर थुकपा खाना मत भूलिएगा. थुकपा तिब्बती नूडल सूप है, जो बहुत स्वादिष्ट लगता है.

स्मोकिंग के शौक़ीन लोग यहां चिलम भी फूंक सकते हैं. हर गली में धुआं उड़ाते लोग आपको मिलेंगे.

रहने के लिए यहां हर तरह के होटल्स मिलते हैं, बजट के हिसाब से कोई भी ठिकाना आप चुन सकते हैं.

अब हिमाचल बुला रहा है तो देर किस बात की, बैग उठाइये और निकल पड़िए इन ख़ूबसूरत वादियों की ओर, अखिर झुलसती गर्मी में, कुछ दिन तो सुकून से बीतने चाहिए न ?

Article Source: Listovative