अभी वो वक़्त आया नहीं जिसमें लोग कादर ख़ान को भूल जाएं. कई सालों से वो फ़िल्मी दुनिया से दूर ज़रूर हैं लेकिन उनके द्वारा निभाए किरदार चाहने वालों के ज़हन में ज़िंदा हैं. उन्होंने अपने करियर में 300 से भी अधिक फ़िल्मों में बतौर अभिनेता काम किया है. इसलिए आज भी हर उम्र श्रेणी के फ़िल्म प्रशंसकों में उनके चाहने वाले पाए जाते हैं.
एक अभिनेता के अलावा कादर ख़ान की दूसरी बड़ी पहचान डायलॉग राइटर रूप में भी थी. उन्होंने लगभग 250 फ़िल्मों के लिए डायलॉग भी लिखे हैं. धर्म-वीर, गंगा जमुना सरस्वती, अमर अकबर एंथोनी, लवारिस, शराबी, अग्निपथ जैसी सफ़ल फ़िल्मों के डायलॉग कादर ख़ान की कलम से ही निकले हैं.
उनके फ़िल्मी सफ़र की शुरूआत 1973 में आई दाग से हुई, इसके बाद वो अगले 45 साल तक फ़िल्म इंडस्ट्री में सक्रिय रहे. इस बीच उन्होंने कई यादगार किरदार निभाए. आज हम उनके द्वारा निभाए गए दस ऐसे किरदारों को आपसे रू-ब-रू कराएंगे जिनको कादर ख़ान की बेहतरीन अदाकारी के लिए जाना जाता है.
1. सिक्का (1989)
इस फ़िल्म में मुख्य अभिनेता धर्मेंद्र, जैकी श्रॉफ, डिंपल कपाड़िया और कादर ख़ान थे. इसकी कहानी दो अमीर दोस्तों के इर्द-गिर्द घूमती है. इसे K. Bapaiah ने निर्देशित किया था. इस फ़िल्म के लिए कादर ख़ान को फ़िल्म फ़ेयर अवार्ड्स की ओर से बेस्ट कॉमेडियन के लिए नॉमिनेट भी किया गया था.
2. तकदीरवाला (1995)
इस फ़िल्म में कादर ख़ान के साथ वैंकटेश और रवीना टंडन भी थी. कादर ख़ान इस फ़िल्म में यमराज का किरदार निभाते हैं. फ़िल्म में उनकी अदाकारी से भरपूर हास्य निकलता है. फ़िल्म में यमराज़ अपनी खोई हुई किताब को ढूंढने पृथ्वी पर आते हैं, हमराज की किताब का नाम ‘भविष्यवाणी’ होता है, जिसमें लोगों का भविष्य लिखा होता है.
3. आखें (1993)
आखें में डेविड धवन, गोविंदा और कादर खान की तिकड़ी साथ काम कर रही थी. ये फ़िल्म उस साल की सबसे सफ़ल फ़िल्मों में से एक थी. कादर ख़ान गोविंदा और चंकी पांडे के पिता का किरदार निभाते हैं और एक अमीर उद्योगपति भी होते हैं.
4. बाप नंबरी बेटा दस नंबरी (1990)
बाप नंबरी बेटा दस नंबरी के केंद्र में बदमाश बाप-बेटे की कहानी है, बाप का किरदार कादर खान ने निभाया है. इस फ़िल्म में जैकी श्रॉफ और आदित्य पंचोली भी मुख्य भुमिका में मौजूद हैं. ये फ़िल्म 1990 की आठवीं सबसे सफ़ल फ़िल्म थी. इस फ़िल्म को ‘Kalla Malla’ नाम से कन्नड़ भाषा में दोबारा से बनाया गया.
5. दूल्हे राजा (1998)
गोविंदा और कादर खान की बेस्ट फ़िल्मों की बात हो और दूल्हे राजा का नाम न आये ऐसा हो ही नहीं सकता. इस फ़िल्म में गोविंदा और कादर खान एक-दूसरे के दुश्मन होते हैं और कादर खान की बेटी को गोविंदा से प्यार हो जाता है. दोनों की आपसी नोक-झोक कई मनोरंजक सीन बनाती है.
6. कुली नंबर1 (1995)
डेविड धवन, गोविंद और कादर खान की तिकड़ी. कादर खान अपनी बेटी की शादी शहर के सबसे अमीर घराने में कराना चाहते हैं. लेकिन शादी कराने वाला जानबूझ कर उनकी शादी एक कुली से तय करा देता है. इससे फ़िल्म में जो सीन तैयार होता है, वो देखने लायक है.
7. मैं खिलाड़ी तू अनाड़ी (1994)
इस फ़िल्म में कादर ख़ान का किरदार वैसे तो बहुत बड़ा नहीं है, लेकिन है बहुत मनोरंजक और महत्वपूर्ण. कादर ख़ान इस फ़िल्म में डबल रोल में है. उनके दोनों ही किरदार पुलिस वाले के ही होते हैं. लेकिन एक सीनियर पोस्ट पर, तो दूसरा हवलदार.
8. साजन चले ससुराल (1996)
1996 की सुपर हिट फ़िल्मों से एक. डेविड धवन, गोविंदा और कादर ख़ान की तिकड़ी एक बार फिर दर्शकों का मनोरंजन करने में कामयाब हुई थी. इस फ़िल्म के लिए कादर खान को बेस्ट कॉमेडियन के अवार्ड के लिए नॉमनेट किया गया था.
9. हिम्मतवाला (1983)
इस फ़िल्म ने जितेंद्र और श्रीदेवी को स्टारडम का स्वाद चखाया था. ये अस्सी के दशक की सबसे ज़्यादा कमाई करने वाली फ़िल्म थी. कादर ख़ान इस फ़िल्म में एक मुनिम के किरदार में पर्दे पर दिखते हैं. कादर ख़ान हिम्मतवाला के डायलॉग राइटर भी थे.
10. मुझसे शादी करोगी (2005)
फ़िल्म उद्योग में उनके अहम योगदान के लिए कादर खान को साल 2013 में साहित्य सिरमोनी पुरस्कार दिया गया. बेशक आज वो फ़िल्म जगत से दूर हैं लेकिन अपने चाहने वालों के दिल के बेहद करीब हैं.