भारत में शादियां मनोरंजन का बेहतरीन साधन है. यहां शादी शांति से हो जाए, ऐसा हो नहीं सकता. कांड होना अनिवार्य है. जहां इतने सारे लोग इकठ्ठा हों, वहां तमाशा न हुआ तो क्या ख़ाक हुआ. अब इन दूल्हा- दुल्हन को देख लीजिए. वरमाला को प्रतियोगिता बना लिया. पहले मैं, पहले मैं. स्टेज़ पर ही भिड़ गए. ज़रूर दोस्तों ने ही ये पट्टी पढ़ाई होगी कि जो पहले माला पहनाता है, ज़िंदगी भर उसी की चलती है. अरे भाई! आपसी समझौते से फ़़ैसला लेना सीखो, वरना भविष्य बहुत दुखदायी गुज़रेगा.

जिस फ़िल्म की शुरूआत इतनी धमाकेदार हुई है, सोचिए क्लाइमेक्स कैसा होगा.