जो लोग क्रिकेट फॉलो करते हैं, उनके लिए आर.पी. सिंह का नाम नया नहीं है. 2007 के T-20 वर्ल्ड कप में भारत की जीत में उन्होंने अहम भूमिका निभाई थी. उनकी Personality भी एक शांत क्रिकेटर की रही है.

हाल ही में रणजी ट्रॉफ़ी में उन्होंने फ़र्स्ट क्लास क्रिकेट में अपने 300 विकेट पूरे किये. इन्हीं में से एक मैच के दौरान फील्डिंग करते हुए आर.पी. सिंह बाउंड्री पर खड़े थे. वहां स्टैंड्स पर से एक बच्चे उनसे बार-बार सेल्फ़ी लेने के लिए बोल रहा था. आर.पी. सिंह ने उस बच्चे का फ़ोन हाथ में लिया और फेंक दिया.

ये सही है कि फील्डिंग कर रहे खिलाड़ी को कई बार ऑडियंस की वजह से परेशानी होती है. आर. पी. सिंह चाहते तो उस बच्चे को प्यार से मना कर सकते थे. इस तरह से फ़ोन फेंकने का उस बच्चे पर बुरा असर पड़ा होगा, हो सकता है वो आगे कभी क्रिकेट देखे ही ना.

बच्चा स्टैंड्स से चिल्लाता हुआ बोल रहा था, ‘एक सेल्फ़ी ले लो, अब तो तुमको गुजरात को सपोर्ट करना ही पड़ेगा.’

गुजरात और मुंबई के बीच मैच के चौथे दिन ये इंसिडेंट हुआ था.

इससे भी एक दिन पहले आर. पी. ने ऑडियंस में बैठे किसी को मिडिल फिंगर दिखाई थी.

हो सकता है इस बर्ताव की वजह झुंझलाहट हो, लेकिन एक पब्लिक फ़िगर होने के नाते उनसे अच्छे बर्ताव की उम्मीद रखना ग़लत नहीं है. और उन्होंने जो भी किया, वो क्रिकेट के लिए शर्मनाक है.