पाकिस्तान को चैंपियंस ट्रॉफ़ी में रौंदने के बाद भारत का अगला मुकाबला श्रीलंका के साथ है. हालांकि, श्रीलंका के साथ होने वाले मैच को ले कर लोगों में इतना उत्साह नहीं दिखता, जितना कि पाकिस्तान के साथ होने वाले मैच को ले कर लोगों की दीवानगी रहती है. लेकिन अगर इतिहास पर नज़र डालें, तो वो कुछ और ही कहता है. भारत और श्रीलंका जब-जब आमने-सामने आये हैं, तब-तब मैच का हाल गर्म हुआ है. टी.वी. पर मैच देख रहे लोगों की उंगलियां नाख़ून चबाने के लिए मुंह तक पहुंची है, तो स्टेडियम में मौजूद प्रशंसकों में झड़प भी हुई है. इन सब के बीच भारत और श्रीलंका चैंपियंस ट्रॉफी के मैच में एक बार फिर आमने-समाने आ रहे हैं. इसी मौके पर आज हम आपके लिए भारत और श्रीलंका के मैच के दौरान हुई ऐतिहासिक घटनाओं को ले कर आये हैं, जो बताती हैं कि इस मैच में भी पारा कुछ कम गर्म नहीं होता.

1996 का वर्ल्ड कप मैच.

इस टूर्नामेंट में भारत ने पाकिस्तान को हारते हुए टॉप 4 में अपनी जगह बनाई थी, जहां सेमीफ़ाइनल में भारत का मुकाबला श्रीलंका के साथ होना था. इस मैच में पहले बल्लेबाज़ी करते हुए श्रीलंका ने 251/8 रन बनाये. वहीं मैच में रुकावट होने की वजह से भारत ने 35 ओवरों में 8 विकेट हो कर 120 रन बनाये और मैच बराबरी पर खत्म हुआ. इस मैच में सचिन ने 65 रनों की पारी खेली. आखिर में मैच रेफरी ने गलती से श्रीलंका को इस मैच का विजेता घोषित किया, जिससे स्टेडियम में बैठे लोगों का गुस्सा इतना बढ़ गया था कि उन्होंने मैदान पर बोतलें फेंकनी शुरू कर दी और सीट्स पर आग लगा दी.

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1999 के मैच को रिकॉर्ड साझेदारी.

श्रीलंका के ख़िलाफ़ खेलते हुए इस मैच में भारत की तरफ़ से राहुल द्रविड़ और सौरभ गांगुली ने मिल कर 318 रनों की साझेदारी बनाई. इसी मैच में दादा ने वन डे में अपना सर्वाधिक 183 रनों का स्कोर बनाया था.

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2000 में एक मैच के दौरान भारत का सबसे ख़राब प्रदर्शन.

भारतीय बल्लेबाज़ों की बड़ी लाइनअप भी शारजाह स्टेडियम में श्रीलंकन गेंदबाज़ों के सामने नहीं टिक पाई थी. श्रीलंका के 299 रनों के जवाब में भारतीय टीम 54 रन पर ही सिमट गई थी.

2005 में महेंद्र सिंह धोनी की धुंआधार पारी.

महेंद्र सिंह धोनी का हेलीकॉप्टर शॉट, तो आपको याद ही होगा. उस शॉट की झलक श्रीलंका के ख़िलाफ़ देखने को मिली थी. इस मैच में आतिशबाज़ी पारी खेलते हुए धोनी ने 145 गेंदों में 183 रन बनाये थे, जिसकी मदद से भारत 299 रनों का पीछा करते हुए मैच को जीत गया था.

2008 में विराट कोहली का आगाज़.

श्रीलंका के ख़िलाफ़ ही विराट कोहली ने अपने करियर की शुरुआत की थी. हालांकि, इस मैच में वो ज़्यादा कमाल नहीं दिखा पाए थे.

2011 में श्रीलंका के ख़िलाफ़ जीत के साथ ही वर्ल्ड कप पर कब्ज़ा.

28 साल के लम्बे इंतेज़ार के बाद आख़िरकार वो पल भी आ गया, जब भारत ने मुंबई में श्रीलंका को हरा कर वर्ल्ड कप पर कब्ज़ा किया. इस मैच में गौतम गंभीर ने 97, जबकि धोनी ने नाबाद 91 रन बनाये थे.

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2011 की जीत सचिन को समर्पित करना.

इस सपने को हक़ीकत में बदलता हुआ देखने के लिए सचिन को 22 साल का वक़्त लगा. आख़िरकार सचिन उस टीम का हिस्सा थे, जिसकी मेहनत सफ़ल होती हुई दिखाई दे रही थी. इस जीत के बाद भारतीय टीम के सदस्यों ने सचिन को अपने कंधे पर बैठा कर स्टेडियम का चक्कर लगाया था.

2014 में टी-20 वर्ल्ड कप.

2011 में वर्ल्ड कप की हार का बदला श्रीलंका ने ढाका में 2014 में लिया, जहां मलिंगा के नेतृत्व में श्रीलंका ने टी-20 वर्ल्ड कप पर कब्ज़ा किया.