सुबह आंख खुलती नहीं कि पहले हाथ तकिया के नीचे रखे फ़ोन पर जाता है. आधी खुली आंख से Notifications चेक किये, लंबी अंगड़ाई लेते हुए Instagram पर Like का बटन दबाया.
दिन बढ़ता है, तो कहीं कोई Healthy Breakfast की सेल्फ़ी ले रहा है, किसी के 6 पैक पर भर कर कमेंटबाज़ी चल रही है. दिन निकलने तक ऑफिस में ‘Having Fun’ की पिक्चर्स का ख़ुमार चढ़ जाता है. फिर दोस्तों के साथ किसी अच्छे Restaurant के Check-in की फ़ोटो आती है.
रोज़ फेसबुक पर ये देख-देख कर कितनी बार अपनी लाइफ़ और रूटीन को कोसा है, सच बताना?
बहुत बार? मैंने भी किया है.
जब Monday की सुबह-सुबह ‘Travelling to Goa’ की तस्वीरें देखती हूं. लगता है, दुनिया में सबसे ज़्यादा बोरिंग और नीरस मेरी ही लाइफ़ है.
लेकिन क्या सच में ऐसा है? क्या सच में Likes और Updates की ये दुनिया इतनी ख़ूबसूरत है? या हम फ़ालतू में ही बुरा फ़ील करते हैं?
ज़रा ये वीडियो देखिये, दिल को थोड़ी शांति मिलेगी.