भारत को आज़ाद हुए 70 साल हो चुके हैं, लेकिन आज भी हम सांप्रदायिक दंगों और समुदायों के बीच मनमुटाव देख रहे हैं. ऐसा लगता है, जैसे अनेकता में एकता की बात अब कहने भर की रह गयी है.

ऐसे में हम नूरुल हसन से प्रेरणा ले सकते हैं, जो हैं तो मुसलमान, लेकिन अपने घर का एक हिस्सा उन्होंने मंदिर बनवाने के लिए दे दिया और अब उसकी देखभाल भी करते हैं.

लखनऊ के निवासी, हसन बाकी लोगों से अलग हैं, क्योंकि वो धर्म की दीवारों से ऊपर उठ चुके हैं. Terribly Tiny Tales ने अब उन पर एक शॉर्ट फ़िल्म बनायीं है, जिसमें हसन की ज़िन्दगी का एक दिन दिखाया गया है.

ये फ़िल्म दिखाती है कि एक असली हिन्दुस्तानी में धार्मिक सौहार्द की भावना ज़रूर होती है.