Chhattisgarh Man Eating Stone for 19 Years : आपने बचपन में कई बच्चों को चॉक, बालू या मिट्टी खाते देखा होगा. हालांकि, वक़्त के साथ ऐसी उल्टी-सीधी चीज़ें खाने की आदत ठीक हो जाती है, लेकिन कई बार ये आदत उम्र भर भी साथ रह जाती है. ऐसे कई मामले देखे गए हैं जब दिमाग़ी समझ होने के बावजूद लोग पत्थर-बालू जैसी चीज़ें खाते पाए गए हैं. मेडिकल भाषा में इस समस्या को Pica के नाम से जाता है, जब व्यक्ति को नॉन न्यूट्रिशनल चीज़ें खाने की आदत लग जाती है. 

लेकिन, हम जिस व्यक्ति के बारे में बताने जा रहे हैं उसकी कहानी कुछ अलग है. माना जाता है कि वो क़रीब 19 सालों से पत्थर का सेवन कर रहा है और इसकी वजह वो कुछ और बताता है, जिसे जान आप सच में चौक जाएंगे.   

आइये, विस्तार से पढ़ते हैं लेख और जानते हैं इस व्यक्ति (Chhattisgarh Man Eating Stone for 19 Years) की पूरी कहानी.   

छत्तीसगढ़ का रहने वाला है ये शख़्स 

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Chhattisgarh Man Eating Stone for 19 Years : हम जिस शख़्स की बात कर रहे हैं वो छत्तीसगढ़ के जशपुर ज़िले के बगीचा विकासखंड का रहने वाला है. इसका नाम है संतोष लकड़ा. जानकारी के अनुसार, संतोष एक किसान है और उसकी 2 बेटे और 3 बेटिया हैं. जानकर हैरानी होगी कि ये शख़्स पत्थर ऐसे खाता है जैसे आम इंसान नमकीन. इस तरह पत्थर खाते देख लोग हैरानी में पड़ जाते हैं.  

19 साल से खा रहा है पत्थर  

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मीडिया संगठन एबीपी न्यूज़ की मानें, तो 51 वर्षीय संतोष लकड़ा अन्य भोजन के साथ-साथ क़रीब 19 सालों से पत्थर खा रहा है. संतोष की मानें, तो उसे पत्थर खाने से कोई तकलीफ़ नहीं होती और उसका पेट भर जाता है. वहीं, लोगों का मानना है कि उन्होंने इस तरह किस व्यक्ति को पत्थर खाने आज तक नहीं देखा. वहीं, संतोष की पत्नी कहती है उसका पति अब तक हज़ारों पत्थर खा चुका है.

हैरान करने वाली है वजह  

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Chhattisgarh Man Eating Stone for 19 Years : जब संतोष से पूछा गया है कि वो पत्थर क्यों खाता है, तो उसने उसकी एक हैरान करने वाली वजह बताई. संतोष का कहना है कि वो लोगों के दुख-दर्द दूर करने के लिए पत्थर का सेवन करता है. संतोष ईसाई धर्म का अनुयायी है. वहीं, वो दावा करता है कि उसने कई लोगों की तकलीफ़ों को दूर किया है. उसने अराधना कक्ष में यीशु की कई प्रतिमाएं व फ़ोटो लगा रखी है. वो घुटने के बल बैठकर घुटनों के नीचे पत्थर रख देता है. फिर वो ईश्वर की अराधना करता है. 

फिर वो ऐसा दावा करता है कि वो व्यक्ति के दुख को अपने अंदर ग्रहण कर रहा है और फिर पत्थरों को खा जाता है. संतोष का दावा है कि उसे ईश्वर की विशेष कृपा प्रदान है. वहीं, वो ये भी कहता है कि उसे पत्थर खाने से कभी कोई परेशानी नहीं हुई है.  

इसे अंधविश्वास कहें या आस्था, आपका क्या विचार है हमें कमेंट में ज़रूर बताएं.