आपने अक्सर देखा और सुना होगा कि ‘लाल रंग’ का कपड़ा देखकर ‘सांड’ भड़क जाता है. इस दौरान वो इतना आग बबूला हो जाता है कि किसी को भी मारने पर उतारू हो जाता है. स्पेन समेत दुनिया के कई देशों में ऐसे खेल भी खेले जाते हैं, जहां ‘लाल रंग’ का कपड़ा दिखाकर ‘सांड’ को भड़काया जाता है. इसके बाद ‘सांड’ जो तहलका मचाता है वो कभी-कभी जानलेवा भी साबित हो जाता है.

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आख़िर ‘लाल रंग’ को देखकर सांड इतना भड़क क्यों जाता है? क्या सांड लाल रंग से नफ़रत करता है या फिर इसके पीछे कोई दूसरा कारण है? अगर आप भी अब तक इस बात को लेकर असमंजस में हैं, तो चलिए आज हम आपकी इस दुविधा को भी सॉल्व कर देते हैं.

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‘सांड’ को ‘लाल रंग’ देखकर ग़ुस्सा आता है, ऐसा उन खेलों के आधार पर कहा जाता है, जिनमें सांड को ‘लाल रंग’ का कपड़ा दिखाया जाता है. दरअसल, लाल रंग देखकर ‘सांड’ भड़क जाता है, ये एक बहुत बड़ा मिथक है. असल में अन्य चौपाये पशुओं की तरह ही सांड भी ‘कलर ब्लाइंड’ होते हैं. यानि कि वो लाल और हरे रंग को देख नहीं पाते हैं. जब ‘सांड’ लाल रंग ही नहीं देख पाता है तो फिर उसके भड़कने की बात महज एक मिथक ही रह जाती है.

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सांड को ग़ुस्सा क्यों आता है? 

‘सांड’ को ‘लाल रंग’ का कपड़ा देखकर नहीं, बल्कि उस कपड़े को हिलाने के तरीके से ग़ुस्सा आता है. कपडा कोई भी क्यों न हो सैंड को उससे कोई फ़र्क नहीं पड़ता है. खेल के दौरान सांड के सामने कपड़े को लगातार हिलाया जाता है. ये देख सांड आग बबूला हो जाता है और वो किसी पर भी हमला करने के लिए उतारू हो जाता है.

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दरअसल, ‘लाल रंग’ को ‘सांड’ के ग़ुस्से से जोड़ने का सिलसिला तब से शुरू हुआ है जब स्पेन में एक सांड, लाल रंग के कपड़े पहने शख़्स के पीछे हाथ धोकर पड़ गया था. इसके बाद वहां के पारंपरिक खेलों में ‘सांड’ को भड़काने के लिए ‘लाल रंग’ के कपड़े का इस्तेमाल किया जाने लगा. इसके बाद तो मानो ‘लाल रंग’, ‘सांड’ के ग़ुस्से का प्रतीक बन गया, लेकिन ये सिर्फ़ और सिर्फ़ एक मिथक है.

इस तस्वीर में आप ‘गुलाबी और पीला’ रंग का कपड़ा देख सकते हैं  

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अगर ‘सांड’ के सामने ‘लाल रंग’ के कपड़े की जगह किसी अन्य रंग के कपड़े को भी हिलाया जाए तो वो अपना ग़ुस्सा उसी तरह प्रकट करेगा. अगर आपको इस बात पर यकीन न हो तो एक बार ‘लाल रंग’ की जगह सांड के आगे अन्य रंग के कपड़े का इस्तेमाल करके देख लीजिये, सब समझ आ जायेगा.

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