रोज़ रात में सोने से पहले हम अगले दिन की तैयारी कर लेते हैं या सोच तो लेते ही हैं कि कल क्या कपड़े पहनने हैं, उसके मैचिंग शूज़, बैग आदि सब सोच लेते हैं. शायद आप सब भी ऐसा ही करते होंगे. लेकिन ज़रा सोचिये कि आप अपनी प्लानिंग के हिसाब से तैयार होकर घर से निकले और आपको अपने जैसे कड़े पहने को दूसरा व्यक्ति मिल जाये तो. एक लड़की होने के नाते मैं समझ सकती हूं कि उस टाइम क्या फील होता है. उस टाइम ऐसी स्थिति हो जाती है कि हम समझ ही नहीं पाते कि हमें हंसना है, या फ़िर चौंकना, या चौंक कर हंसना है. इसीलिए आज हम आपके लिए ऐसी ही कुछ तस्वीरें लेकर आये हैं, जिन्हें देखने के बाद शायद आपको भी अपने साथ हुआ कोई ऐसा इत्तफाक याद आ जाये और आप खुद को हंसने से रोक न पाएं.

ये क्या हो गया?

एक से कपड़े और एक ही स्टाइल.

कहीं टोल टैक्स वाला भूल न जाए कि किस कार वाले से ले लिया टैक्स!

मम्मी तो आइसक्रीम जैसी लग रहीं हैं.

इसने भी खरीद लिए मेरे जैसे जूते.

ये मेरी जुड़वा है.

भाई… ये लोचा क्या है?

सेम टू सेम…

कमाल है भाई!

अरे, ये शीशे में नहीं दिख रहे हैं, बल्कि दो अलग-अलग इंसान हैं.

कार आ रही है या जा रही है.

इनकी मैचिंग के क्या कहने.

शायद एक ही शॉप से शॉपिंग की है दोनों ने.

किसने इनको टोपी पहनाई है?

कपड़ा बचा तो सॉक्स बना लिया.

थोड़ा तो अंतर रख देते स्टाफ की ड्रेस और बैरिकेटर्स में.

इतना बड़ा इत्तेफाक कैसे हो सकता है.

चलो यहां ज्यादा लोग रेस्ट कर पाएंगे.

ज़ाहिर है कि इनको फर्श के कलर पसंद आ गए होंगे.

एक ही कंपनी ने सीट कवर और इनकी ड्रेस बनाई होगी.

आपको क्या लगता है ये दोनों जुड़वा हैं…

ये तो हद ही हो गई.

आपको कुछ दिखा इस फोटो में.

चेक्स का ज़माना है भाई.

अदला-बदली इसे कहते हैं.

ये कलर शायद ट्रेंड में है.

पसंद-पसंद की बात है.

इनके कपड़े देखकर बना होगा ये फ़ोन कवर.

ये तो समझ से बाहर है.

तू मुझ जैसी, मैं तुझ जैसी.

ऐसा बहुत कम ही होता है.

किसका मुंह देखकर उठीं थीं ये दोनों.

लगता है कपड़ों में अलग वैराइटी लानी होगी.

अब बस भी करो.

छिपने की कला कोई इनसे सीखे.

इनका कसूर क्या था?

ये हैं जुड़वा कार.

ये क्या है यार!

कार ही कार वो भी एक जैसी.

इन्होंने एक ही जगह से बाल कटवाएं हैं.

शायद ये फोटोशॉप का ही कमाल है.

ब्यूटी…

कुंभ के मेले में बिछड़े थे.

इसका कसूर क्या था, जो इसे ऐसी सज़ा मिली?