आपने अगर ध्यान दिया हो तो कई बार कुर्सी, दरवाज़े का हैंडल या किसी व्यक्ति को छूने से कभी-कभी करंट का झटका महसूस होता है. लेकिन कभी आपने सोचा है कि आखिर ऐसा क्यों होता है?

दरअसल आपके आसपास जितनी भी चीज़ें हैं, वो सभी एटम से बनी हुई हैं. इन एटम्स को सामान्य आंखों से देख पाना संभव नहीं है. इन एटम्स में पॉज़िटिव चार्ज वाले Protons, नेगेटिव चार्ज्ड Electrons और न्यूट्रल Neutrons भी होते हैं. ज़्यादातर समय पर ये एटम न्यूट्रल अवस्था में होते हैं, जिसका मतलब है Protons और Electrons की बराबर मात्रा में मौजूदगी. लेकिन जब इनकी संख्या बराबर नहीं होती तो Electrons तेज़ी से घूमने लगते हैं, वहीं Protons और Neutrons स्थिर बने रहते हैं. 

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यानि जब किसी इंसान या वस्तु के पास अतिरिक्त Electrons होते हैं, तो वह एक नेगेटिव चार्ज पैदा करने लगता है और जैसे ही वे किसी पॉज़िटिव चार्ज वस्तु या इंसान के संपर्क में आते हैं, तो ये Electrons तेज़ी से Move करने की कोशिश करने लगते हैं. Electrons के तेज़ी से घूमने की वजह से ही आपको अचानक हल्का झटका महसूस होता है. आप इस शॉक को कुछ यूं मान सकते हैं जैसे लाखों Electrons हवा में उड़ रहे हों. उदाहरण के तौर पर मेटल (धातु) को लिया जा सकता है. 

मेटल से बने हुए Doorknob में पॉज़िटिव चार्ज के साथ थोड़े Electrons होते हैं. जब आपका हाथ Doorknob को छूता है तो आपके पास मौजूद अतिरिक्त Electrons आपके हाथों से होते हुए Doorknob तक जाने की कोशिश करते हैं और आपको झटका महसूस होता है. Electrons दरअसल मेटल जैसी चीज़ों में आसानी से घूम सकता है, इसी को वैज्ञानिक भी Conductors बुलाते हैं.

इलेक्ट्रिक चार्ज के सर्दियों में बनने की संभावना ज़्यादा होती है क्योंकि इस मौसम में हवा में नमी कम होती है और हमारे शरीर पर Electrons आसानी से बनने लगते हैं. गर्मियों में हवा में मौजूद नमी नेगेटिव चार्ज Electrons को काफी हद तक खत्म कर देती है और यही कारण है कि ऐसे झटके गर्मी में नहीं लगते.