आज हर किसी की लाइफ में एक साथी ऐसा है, जो बाथरूम से लेकर बिस्तर तक उसके साथ ही रहता है. ये सिर्फ़ आपके साथ चलने वाला राहगीर नहीं, बल्कि बिस्तर साझा करने वाला हमसफ़र भी है. इससे एक दिन क्या, लोगों से पांच मिनट की दूरी सही नहीं जाती. अब तो पता चल ही गया होगा कि आपकी ज़िंदगी में परिवार से भी ज़्यादा अहमियत रखने वाला ये साथी कौन है? अगर नहीं पता चला, तो मैं बता देता हूं.

यहां हम बात कर रहे हैं, स्मार्टफोन्स की, जिनकी नई-नई खासियतों ने हमें भी स्मार्ट बनाने का काम किया है. क्यों सही कहा ना? पर इस साथी को ज़िंदगी में हद से ज़्यादा अहमियत देना आपके लिए और आपकी आंखों के लिए ठीक नहीं है. जी हां, हम बिलकुल सही कह रहे हैं. एक बार नीचे दिए गए चार्ट को देखिए कुछ चीज़ें खुद-ब-खुद समझ आ जाएंगी.

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स्मार्टफोन की स्क्रीन से निकलने वाली नीली रौशनी आंखों को नुकसान पहुंचाती है. इसीलिए कहते हैं कि काफी देर तक स्क्रीन को ताकने से आंखों पर असर पड़ने लगता है. उनसे पानी गिरने लगता है या फिर आंखें थकी हुई दिखाई देती हैं. इस तरह की नीली रौशनी स्मार्टफोन, टैबलेट, लैपटॉप सभी से आती है इसलिए इसका इलाज सभी डिवाइस के लिए करना होगा. डेस्कटॉप और लैपटॉप के लिए यहां पर जानकारी मिल जाएगी और आईफोन के फीचर के लिए यहां पढ़ सकते हैं.

एंड्राइड के नए ऑपरेटिंग सिस्टम, नुगाट में ‘नाइट मोड’ है, जो आंखों पर बहुत ज़्यादा ज़ोर नहीं पड़ने देता है. लेकिन उससे पहले के ऑपरेटिंग सिस्टम वाले मोबइल्स के लिए आपको इन अलग-अलग ऐप्स का इस्तेमाल करना पड़ेगा. ‘नुगाट’ से पुराने ऑपरेटिंग सिस्टम वाले एंड्राइड स्मार्टफोन के लिए यूज़र्स ‘सीएफ लुमेन‘, ‘फ्लक्स‘ और ‘ट्वाईला‘ नाम के ऐप में से कोई भी चुन सकते हैं.

‘ट्वाईलाईट’ के लिए हैंडसेट को रूट करने की ज़रुरत नहीं है, जबकि बाकी दोनों के लिए डिवाइस को रूट करना ज़रूरी है, लेकिन वो करने के बाद इन दोनों ऐप में ‘ट्वाईलाइट’ से कहीं ज़्यादा फीचर हैं. अगर ये बदलाव अपने स्मार्टफोन या टैबलेट के लिए आप करते हैं, तो स्क्रीन नीले की जगह लाल रंग की दिखेगी. शुरुआत में ऐसी स्क्रीन पर काम करना बहुत आसान नहीं होगा, लेकिन ऐसी स्क्रीन को देखते-देखते ही आदत बदलेगी. दुनियाभर में हो रहे रिसर्च के बारे में यहां जानकारी मिल सकती है.

सोने के ठीक पहले नीले रंग की लाइट आपके आंखों पर क्या असर करती है, उसे जानने के लिए नीचे दिया गया वीडियो देखें.

Feature image source: gunnars

Source: bbc