दोस्तों आज हम बात करने जा रहे हैं वैलेंटाइन डे यानि ‘प्यार करने वालों का दिन’ के बारे में. वैलेंटाइन डे फरवरी महीने के दूसरे हफ्ते में मनाया जाता है. जब हल्की-हल्की सर्दी होती है या यूं कह लो कि मौसम गुलाबी-गुलाबी होता है. इस महीने की सबसे खास बात ये है कि ये केवल 28 दिनों का ही होता है. लेकिन फरवरी महीने की तारीफ़ यहीं ख़त्म नहीं होती क्योंकि ये प्यार करने वालों के लिए भी बेहद ख़ास होता है और हो भी क्यों न. आखिर इसी महीने में तो लोग अपने प्यार का इज़हार कर पाते हैं और इज़हारे मोहब्बत करने के लिए इसका बेसब्री से इंतज़ार करते हैं. ऐसा लगता है, मानो अगर इस दिन अपने प्यार का इज़हार नहीं किया, तो अनर्थ हो जाएगा और इसके बाद दूसरा मौका मिलेगा ही नहीं. खैर, इस महीने में एक खास दिन को चुना गया है अपने प्यार के सामने अपने प्यार का इज़हार करने के लिए और वो ख़ास दिन है 14 फरवरी यानि कि वैलेंटाइन डे.

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लेकिन क्या आपको नहीं लगता कि आजकल की जेनरेशन के लिए वैलेंटाइन डे मनाना केवल एक दिखावा भर है? महंगे गिफ्ट्स देना इस दिन का एक रिवाज़ है और अगर आप किसी से प्यार करते हैं, तो आपको इस रिवाज़ निभाना ही है. आपने गौर किया ही होगा कि फरवरी महीना शुरू होते ही बाजारों में लाल रंगों के सामानों की भरमार हो जाती है. तरह-तरह के बेहद आकर्षक गिफ्ट्स, टैडी बियर, चॉकलेट्स, गुलाब के फूल आदि आपको हर जगह मिल जायेंगे. फरवरी महीने के दूसरे हफ्ते को वैलेंटाइन वीक के रूप में मनाया जाता है और इस हफ्ते के हर दिन को अलग-अलग नाम से जाना जाता है, जैसे रोज़ डे, प्रपोज़ डे, टैडी डे, हग डे आदि. यदि ख़ुदा-न-खास्ता अगर आपने हर दिन को नहीं मनाया, तो आपके प्यार पर सवालिया निशान लग जाता है. कई बार भले ही पैसे न हों पर गिफ़्ट तो खरीदना पड़ता है, ताकि ये जताया जा सके कि आप एक-दूसरे से कितना प्यार करते हैं.

कई मूवीज़ में आपने देखा होगा कि एक तरफ तो हीरोइन हीरो से बोलती है कि तुम्ही मेरे लिए दुनिया का सबसे कीमती तोहफ़ा हो तुम्हारे सिवा मुझे कुछ नहीं चाहिए, लेकिन अगले ही पल ये भी सुना देती है कि मेरी फलां-फलां दोस्त को उसके बॉयफ्रेंड ने हीरे का हार दिया. अब बेचारा लड़का तो फंस जाता है कि अगर महंगा गिफ़्ट नहीं दिया तो बात बिगड़ जायेगी.

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लेकिन क्या प्यार करने वालों के लिए दिन और तोहफ़े मायने रखते हैं? मुझे पता है बहुत से लोग इस बात के लिए हां ही बोलेंगे. पर अगर आप किसी से प्यार करते हैं, तो इज़हार करने के लिए दिन, महीने और वक़्त का इंतज़ार क्यों करना. जब आपको इस बात का एहसास हो जाए कि आपका दिल किसी के लिए धड़कने लगा है, तो जाकर बता दीजिये उसको अपने दिल की बात, सुना दीजिये उसे अपने दिल की धड़कानें.

शायद इसीलिए इन सात दिनों में दो लोगों के बीच प्यार बढ़े न बढ़े, लेकिन दुकानदारों के और कई बड़ी कंपनीज़ का बैंक बैलेंस ज़रूर बढ़ जाता है. ऐसा लगता है मानो प्यार और प्यार की परिभाषा केवल इन सात दिनों में ही सिमट कर रह गई है.

और मेरा मानना ये है कि ये प्यार नहीं सिर्फ दिखावा है. इसको दिखावा ही कहा जाएगा कि लोग अपने प्यार से ज्यादा ये जानने में इंटरेस्ट दिखाते हैं कि किसको कितना बड़ा और महंगा गिफ़्ट मिला, कौन कितने महंगे रेस्टोरेंट में कैंडल लाइट डिनर करने गया. और इन सब चीज़ों का दिखावा करने के लिए सोशल नेटवर्किंग साइट्स अहम भूमिका निभाती हैं. इस दिन लोगों की टाइमलाइन वैलेंटाइन डे पर मिले गिफ्ट्स, कार्ड्स, फूल और कैंडल लाइट डिनर की फ़ोटोज़ से पटे पड़े होते हैं.

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यहां सोचने वाली बात ये है कि क्या अपने प्यार को दिखाने के लिए कीमती गिफ़्ट और ये सात दिन ही ज़रूरी हैं. भाई हमने तो ये सुना था कि प्यार दिखाने के लिए नहीं, बल्कि महसूस करने के लिए होता है और ये एहसास अपने आप में ही बेहद खूबसूरत और अनमोल उपहार होता है. इसको ज़ाहिर करने के लिए किसी ख़ास दिन की ज़रूरत नहीं होती क्योंकि अगर आप किसी को प्यार करते हैं, तो वो भले ही आपको कुछ दे या न दे पर उसके मन में आपके लिए प्यार का एहसास होना चाहिए और उसको ये एहसास होना चाहिए कि वो आपके लिए और आप उसके लिए बने हैं.

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मगर आजकल तो वैलेंटाइन डे के दिन ही सब लोगों का प्यार उमड़-उमड़ कर बाहर आता है. ऐसा लगता है मानो कि रोमियो-जूलियट, शीरी-फरहाद, हीर-रांझा या फिर लैला-मजनू की आत्मा आ गई हो उनके अन्दर. लड़के-लड़कियां इस दिन साथ जीने-मरने की कसमें खाते हैं. एक-दूसरे को कभी न छोड़ने का वादा भी करते हैं. लेकिन कितने दिनों तक चलता है आजकल का प्यार? ज़्यादातर ऐसा होता है कि दो लोग जिनकी प्यार की कहानी वैलेंटाइन डे के दिन शुरू हुई थी, अगले साल के वैलेंटाइन डे पर वही दोनों किसी और के साथ दूसरी कहानी की शुरुआत करते दिख जाते हैं. पर इसका मतलब ये बिलकुल भी नहीं कि हर कपल के साथ ऐसा होता है या हर कपल ऐसा करता है, बल्कि उनमें से कुछ तो जन्म-जन्मान्तर के लिए एक-दूसरे के हो जाते हैं.

आपको बता दें कि वैलेंटाइन डे रोम के महान संत वैलेंटाइन की याद में मनाया जाता है और उनका हमारी संस्कृति और सभ्यता से दूर-दूर तक कोई लेना-देना नहीं है.

हालांकि, ऐसा नहीं है कि मैं प्यार या प्यार करने वाले प्रेम-प्रेमिकाओं के ख़िलाफ़ हूं, बल्कि मैं इस तरह के दिखावे के ख़िलाफ़ हूं. ग़ज़बपोस्ट की ओर से आप सभी को Happy Valentine Day!

Feature Image Source: indianexpress