बचपन से हम में से कई लोग सुबह उठने के बाद अपनी चादर, कम्बल आदि फ़ोल्ड न करने पर डांट सुनते आये हैं. ऐसा लोग अकसर आलस के कारण करते हैं, पर यूके की किंग्स्टन यूनिवर्सिटी की रिसर्च कहती है कि आपको ऐसा ही करते रहना चाहिए.

Dr. Stephen का कहना है कि बिस्तर लगाने से जो धूल के कण उड़ते हैं, वो अस्थमा पीड़ितों के लिए और ऐसे लोगों के लिए हानिकारक होते हैं, जिन्हें एलर्जी है. एक बिस्तर में औसतन 1.5 मिलियन धूल के कण होते हैं. इनसे सांस की बीमारी या एलर्जी से जूझ रहे लोगों को नुकसान हो सकता है.

इस रिसर्च में सामने आया है कि जिन घरों में लोग उठने के बाद अपना बिस्तर अच्छे से लगाते हैं, उनमें ज़्यादा धूल के कण होते हैं. दरअसल, धूल के कणों के सबसे बड़े दुश्मन होते हैं हवा और धूप. नमी के बिना ये मर जाते हैं. जब आप चादरों कम्बलों आदि को उठने के बाद तह लगा कर रख देते हैं, तो उनमें नमी रह जाती है और डस्ट माइट्स मर नहीं पाते.

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इसलिए अगर आपको एलर्जी या अस्थमा है, तो अपना बिस्तर उठने के बाद ऐसा ही छोड़ दें. ये रिसर्च इस बारे में है कि लोगों की रोज़मर्रा की गतिविधियों से डस्ट माइट्स पर क्या असर पड़ता है.

Pretlove के अनुसार, ब्रिटिश नेशनल हेल्थ सर्विस लगभग 700 मिलियन ऐसी बीमारियों के इलाज पर खर्च करती है, जो डस्ट माइट्स के कारण होती हैं.

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