क्या पॉर्नोग्राफ़ी की वजह से किसी की ज़िन्दगी तबाह हो सकती है? क्या पोर्न देखने की लत इतनी हो जाए कि पति के खिलाफ ही बीवी सुप्रीम कोर्ट पहुंच जाए? लेकिन ऐसा ही कुछ हुआ है.

मुंबई की एक महिला ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाज़ा खटखटाया है. उसने अपनी याचिका में अदालत से कहा है कि पॉर्नोग्राफ़ी से उसकी पारिवारिक ज़िन्दगी तबाह हो रही है. उसके पति को पॉर्नोग्राफ़ी की लत है. ऐसे में इस तरह की वेबसाइट्स को पूरी तरह बंद किया जाए.

gawker

इस महिला का कहना है कि यदि उसके पति पढ़े-लिखे होने की बावजूद पॉर्नोग्राफ़ी की लत में फंस सकते हैं, तो फिर युवाओं पर इसका कितना बुरा असर हो रहा होगा, सोचने की बात है.

याचिका में महिला ने कहा, ‘मेरे पति अक्सर बेशकीमती वक़्त पॉर्न देखने में गंवा देते हैं. यह सब इसलिए हो रहा है क्योंकि इंटरनेट पर पॉर्न आसानी से उपलब्ध है. मेरे पति अक्सर पॉर्न वेबसाइट पर वीडियो और फ़ोटो देखते हैं. इसने मेरी ज़िन्दगी में जहर घोल दिया है.’

इस महिला ने कहा कि वह खुद सामाजिक कार्यकर्ता है. उसकी शादी 30 साल पहले हुई थी. वह अपनी ज़िन्दगी से बहुत खुश थी. उसे दो बच्चे थे. 2015 में उसके पति को पॉर्न देखने की लत लगी और फिर सब कुछ बदल गया.

अपने पति से परेशान इस महिला ने कहा, पति की पॉर्नोग्राफ़ी की लत की कीमत मेरे बच्चे और मैं चुका रही हूं. बतौर सोशल वर्कर मैं तो लोगों को बुराई के खिलाफ़ जागरूक करती हूं, लेकिन मैं घर में ही पॉर्नोग्राफ़ी के खिलाफ कुछ नहीं कर पा रही हूं. ऐसे में अदालत को कड़ा एक्शन लेना चाहिए.

सभी पॉर्न साइट्स को बैन करना मुश्किल

abimg

गौरतलब है कि पॉर्न साइट्स पर बैन लगाने के मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट में हुई सुनवाई में सरकार ने भी कहा था कि सभी तरह की पॉर्न वेबसाइट्स को बैन करना मुश्किल है.

सरकार की ओर से अटॉर्नी जनरल ने कहा था कि हम मॉरल पुलिसिंग नहीं कर रहे हैं. हम सर्वसत्तावादी देश नहीं बन सकते. ऐसे में हम इंटरनेट पर वेबसाइट्स ब्लॉक नहीं कर सकते, क्योंकि इससे अभिव्यक्ति की आजादी का हनन होता है.

दरअसल, 800 से ज़्यादा पॉर्न साइट्स पर बैन की खबर से देशभर में विरोध के सुर उठे थे. सोशल मीडिया पर सरकार के खिलाफ़ बयानों की बाढ़ आ गई थी. बाद में सरकार ने चाइल्ड पॉर्न को छोड़ बाकी साइट्स से बैन हटा लिया था.