Kolkata Woman Cab Driver Story: एक वक़्त था जब पेशे को भी महिला और पुरुष में बांटा जाता था. घर से बाहर का काम है तो पुरुष करेंगे और घर के अंदर महिलाएं करेंगी. गाड़ी चलानी है तो फलाने के पति, भाई या पिता लेकर जाएंगे. गाड़ी में बैठना है और फिर उतरकर सामान लेना है तो घर की कोई भी महिला जाएगी. ऐसा इसलिए नहीं था कि लोगों को महिलाओं की चिंता है नहीं…ये तो इसलिए था कि महिलाओं के इन कामों के लायक ही नहीं समझा जाता था. आज भी जब सड़क पर कोई महिला गाड़ी चलाती है तो आपके साथ बैठे लोग ही कहते हैं कि भइया हम ही रुक जाएं आगे मैडम हैं कुछ भी कर सकती हैं तो ये एक मानसिकता है जो नहीं बदल सकती. मगर महिलाओं ने अपनी स्थिति को बदल लिया है आज वो कैब, बस क्या हवाई जहाज़ चला रही हैं और हर काम को करने में सक्षम हैं.

female driver
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आज का दौर कैब का दौर है जब लोगों को घर बैठे ही कैब लेने आ जाती है. जब हम कैब करते हैं तो दूसरी तरफ़ से पुरुष ड्राइवर की ही उम्मीद करते हैं किसी महिला ड्राइवर की नहीं, लेकिन बदलती सोच ने इस उम्मीद को ही बदल दिया है. आज कैब ड्राइवर के रूप में एक महिला भी हो सकती है ठीक कोलकाता की महिला ऊबर ड्राइवर दीप्ता घोष (Kolkata Woman Cab Driver Story) की तरह, जिनकी कहानी को परम कल्याण सिंह नाम के एक Facebook User ने Facebook साथियों के साथ शेयर किया है.

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परम कल्याण सिंह लिखा,

कल न्यू गरिया एरिया से Lake Mall जाने के लिए एक ऐप कैब बुक की. एक महिला ड्राइवर का फ़ोन आया, उसने मुझसे ये नहीं पूछा कि, ड्रॉप लोकेशन क्या है पेमेंट कैश देंगे या ऑनलाइन. सीधे बहुत ही विनम्र लहज़े में पिकअप लोकेशन के बारे में पूछा. हां, वो दीप्ता घोष थीं, जैसा कि मुझे उनके प्रोफ़ाइल से पता चला. जैसे ही हमारी राइड शुरू हुई मैंने उनसे पूछा कि आप लहज़ा एक एजुकेटेड व्यक्ति का है आपकी एजुकेशन क्या है? मैं हैरान हो गया आपको पता चलेगा आप भी हो जाएंगे.

Dipta Ghosh
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दीप्ता की बातों से पता चला कि, वो इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में B-Tech ग्रेजुएट हैं और अलग-अलग कंपनियों में 6 साल तक जॉब कर चुकी हैं. उनके घर में उनकी मां और छोटी बहन है जबकि पिता का 2020 में देहांत हो गया था तो वो अपनी मां और बहन को छोड़कर कोलकाता से नहीं जाना चाहती थीं. दीप्ता को सारी अच्छी नौकरियां कोलकाता से बाहर मिल रही थीं तभी उन्होंने कमर्शियल ड्राइवर लाइसेंस लिया और कैब चलाने का फ़ैसला लिया. दीप्ता को गाड़ी चलानी आती है तो उन्होंने एक Alto कार ख़रीदी और साल 2021 में Uber कैब चलानी शुरू की.

Dipta Ghosh
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सिंह ने कैप्शन में आगे बताया,

दीप्ता हफ़्ते में 6 दिन रोज़ लगभग 6-7 घंटे कैब चलाती है और महीने का 40,000 रुपये कमा लेती हैं.

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पोस्ट को लोगों का भरपूर प्यार मिला है लोग दीप्ता के फ़ैसले का सम्मान और सराहना कर रहे हैं.