तीन दिन पहले गुजरात से एक ख़बर आई थी कि 17 मार्च को राजकोट के सरकारी अस्पताल में एक 11 साल की बच्ची ने एक बच्ची को जन्म दिया. indian express की ख़बर के मुताबिक़, इस मासूम बच्ची का 6 आदमियों ने 8-9 महीनों तक रेप किया. इन दरिंदों में एक नाबालिग और तीन 60 साल से ज़्यादा उम्र के आदमी थे. 4 दिन पहले सरकारी अस्पताल में पैदा हुई इस बच्ची की हालत बहुत नाज़ुक है और उसका ज़िंदा बचना मुश्किल है.

अगर आपने पिछले दो-तीन दिनों की ख़बरों पर नज़र डाली होगी तो उनमें एक ये ख़बर भी थी, जिसने शायद हर किसी का ध्यान खींचा होगा. लेकिन आप बस अफ़सोस के साथ सिर हिलाकर कर आगे की ख़बरें पढ़ने में लग गए होंगे, या मुंह से एक लाइन निकली होगी कि क्या होगा देश का… सही मायनो में देखा जाए तो हम और आप इसपर कुछ कर भी नहीं पा रहे हैं. इस समस्या से निपटने के लिए हम सबको एकजुट होना होगा, सरकार से मांग करनी होगी कि ऐसे लोगों को तुरंत कड़ी से कड़ी सज़ा दी जाए…

ये ख़बर जितनी दुःखदायी है, उतनी ही दर्दनाक है इसके पीछे की कहानी. क्योंकि वो केवल 11 साल की है, सिर्फ़ 11 साल की पढ़ने-लिखने और खेलने-कूदने की उम्र में वो मां भी बन गई, क्यों, क्योंकि उसका बलात्कार हुआ, बार-बार बलात्कार, 8-9 महीनों तक उसका बलात्कार हुआ, और ये बात भी सुन लीजिये कि उसके बलात्कारी एक-दो नहीं, बल्कि 6 लोग हैं, और हां एक बात तो मैंने बताई ही नहीं कि इन 6 बलात्कारियों में तीन सीनियर सिटिज़न यानि कि 60 साल से ज़्यादा उम्र वाले आदमी. जो शायद किसी लड़के या लड़की के दादा या नाना भी होंगे.

इन लोगों पर गुस्सा तो है ही, पर उससे ज़्यादा तरस आ रहा है कि अब ये अपने नाती-पोतों से कैसे नज़र मिलाएंगे. सोचने वाली बात तो ये है कि अब कहां हैं वो लोग जो रेप की सबसे मुख्य वजह लड़की के कपड़ों को या उसके देर रात घर से बाहर रहने को मानते है और घटिया बयानबाजी करते हैं.

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अब क्यों नहीं समाज को सभ्यता का पाठ पढ़ाने सामने आ रहे हैं… एक मासूम बच्ची के साथ अन्याय हुआ है, उससे असमय ही उसका बचपन छीन लिया गया है. ताउम्र उसके ये घटना उसको कचोटती रहेगी। वो भविष्य में एक जांबाज़ सिपाही, एक निर्भीक ऑफ़िसर या कोई शिक्षक बनेगी, लेकिन कहीं न कहीं एक अनजाना सा डर उसको हमेशा सताता रहेगा. क्योंकि इन दरिंदों ने अपनी हवस मिटाने के बहाने उसको एक दर्द जो दे दिया है.

तथाकथित समाज के ठेकेदारों से मेरा एक सवाल है कि आपकी नज़र में इसके पीछे क्या कारण रहा होगा कि ये 6 आदमी अपने हार्मोन्स पर क़ाबू नहीं कर पाए. अगर लड़की के कपड़ों ने उन्होंने उकसाया, तो जनाब 11 साल की बच्ची साड़ी या बुर्का तो पहनकर नहीं घूमेंगी न… और वैसे भी साड़ी हो या सलवार सूट, किसी में भी तो नहीं बख़्शा गया है महिला को… अगर शरीर की बात की जाए तो 11 साल की बच्ची सिर्फ़ बच्ची ही होती है और उसकी शारीरिक बनावट किसी को बलात्कार के लिए उकसा नहीं सकती… इसलिए अब लड़कियों के कपड़ों और चरित्र पर प्रश्नचिन्ह लगाना बंद करो, क्योंकि बलात्कार का कारण सिर्फ़ और सिर्फ़ आदमी की विकृत मानसिकता होती है. और कुछ नहीं क्योंकि अपनी हवस के सामने उसको 6 महीने की बच्ची हो या 100 साल की बुज़ुर्ग महिला कुछ नहीं दिखता.

ऐसा नहीं है कि ये पहली बार हुआ है जब एक मासूम बलात्कार के कारण गर्भवती हुई और उसने बच्चे को जन्म दिया, इससे पहले भी ऐसे कई किस्से सामने आ चुके हैं.

लेकिन ऐसा लगता है कि मानों अब ये सारी बातें लोगों के कानों पर कोई असर नहीं डालती हैं. तभी तो आज न्यूज़पेपर रेप की ख़बरों से पटे पड़े रहते हैं. मेरा खुद से और आप सभी से ये सवाल है कि कब वो दिन आएगा जब महिलायें और बच्चियां आस-पड़ोस और यहां तक कि अपने घरों में पूरी तरह सुरक्षित होंगी?