मुंबई की 23 वर्षीय पायलट आरोही पंडित महज़ सात महीने की ट्रेनिंग के बाद ‘अटलांटिक महासागर’ के ऊपर से अकेले उड़ान भरने वाली दुनिया की पहली महिला पायलट बन गई हैं. आरोही ने ये उड़ान ‘लाइट स्पोर्ट्स एयरक्राफ़्ट’ से भरी है.
आरोही का अटलांटिक महासागर के ऊपर अकेले उड़ान भरना किसी अजूबे से कम नहीं है. ऐसा करने वाली वो दुनिया की पहली महिला हैं. आरोही इस छोटे से विमान से एक बार में ही 3000 किमी की उड़ान भरकर स्कॉटलैंड स्थित विक से कनाडा के इक्वालिट एयरपोर्ट पहुंचीं हैं.
आरोही ने जिस विमान के ज़रिये ये कीर्तिमान बनाया है उसका नाम ‘माही’ है. ये एक छोटा सिंगल इंजन साइनस 912 वाला एयरक्राफ़्ट है, जिसका वजन बुलेट बाइक के बराबर ही होता है. आरोही पंडित एक कर्मिशियल पायलट होने के साथ ही उसके पास एलएसए का लाइसेंस भी है.
इस उपलब्धि को हासिल करने के लिए आरोही ने 7 महीने तक वो कड़ी ट्रेनिंग की. आरोही ने मंगलवार की रात स्कॉटलैंड से इस दुर्गम सफ़र की शुरुआत करते हुए कड़ाके की ठंड में कुछ देर ग्रीनलैंड और आइसलैंड में रुकने के बाद कनाडा के इक्वालिट एयरपोर्ट पहुंचकर ही सांस ली.
दरअसल, आरोही 1 साल के विश्व भ्रमण पर निकली हैं. जिसे उन्होंने अपनी मित्र कीथर मिसक्विटा के साथ विगत वर्ष 30 जुलाई को शुरू किया था. ये दुगर्म विश्व भ्रमण अभियान महिला सशक्तिकरण को समर्पित है. क्योंकि इस अभियान में शामिल सभी सदस्य महिलाएं हैं.
इस अभियान को स्पॉन्सर करने वाली संचार कंपनी ‘सोशल एक्सेस’ की प्रमुख लिन डिसूजा ने बताया कि आरोही अगले साल 30 जुलाई तक भारत वापस लौटेंगी. आरोही ने इतनी लंबी दुर्गम उड़ान अकेले तय करने के अलावा भी कई रिकार्ड बनाए हैं. इस अभियान के दौरान वो ‘लाइट स्पोर्ट्स एयरक्राफ़्ट’ के ज़रिए ग्रीनलैंड की आइसकैप के ऊपर से अकेले उड़ान भरने वाली पहली महिला पायलट भी बन गई हैं.
बता दें कि, आरोही और उनकी फ़्रेंड कीथर मिसक्विटा भारत में डीजीसीए से पंजीकृत ‘लाइट स्पोर्ट्स एयरक्राफ़्ट’ से ही भारत से रवाना हुई थीं. आरोही और कीथर पंजाब, राजस्थान, गुजरात होते हुए पाकिस्तान पहुंचे. साल 1947 के बाद ऐसा पहली बार हुआ जब किसी सिविलियन एलएसए को पाकिस्तान में लैंड कराया गया. इसके बाद ये दोनों ईरान, टर्की, सर्बिया, स्लोवेनिया, जर्मनी, फ़्रांस और ब्रिटेन पहुंचीं.
आरोही अगले साल 30 जुलाई को 37 हज़ार किमी की उड़ान भरकर भारत वापस लौटेंगी.