‘ग्रैजुएशन हो गया न, अब बैंक की तैयारी करो!’
‘बी.ए. के बाद तो बी.एड ही करोगी!’
‘घर पर रहकर बच्चों को ट्यूशन पढ़ाओ, कॉल सेंटर में जॉब करने का ख़्याल दिमाग़ से निकाल दो.’
आज भी कई लड़कियों को ये बातें सुनने को मिलती हैं. समाज में आज भी ये भ्रम है कि लड़कियां हर तरह का काम नहीं कर सकती. कुछ ऐसी नौकरियां हैं, जैसे कि शिक्षिका, बैंक कर्मचारी, क्लर्क की नौकरी जिन्हें लड़कियों और महिलाओं के लिए ‘सेफ़’ माना जाता है. उन्हें हिदायत दी जाती हैं कि वे ये सुरक्षित नौकरियां ही करें.
ख़ैर समाज की पारम्परिक सोच को छोड़ कर महिलाओं ने अलग-अलग क्षेत्रों में नाम कमा कर ये साबित कर दिया कि किसी काम पर महिला या पुरुष नहीं लिखा होता.
1. ट्रक मैकेनिक
शांति देवी, भारत की पहली महिला ट्रक मैकेनिक हैं. 2 दशक से ज़्यादा हो गए शांति देवी को 50-50 किलो के ट्रक के टायर रिपेयर करते हुए. शांति देवी आत्मविश्वास से कहती हैं कि वे कई पुरुष मैकेनिकों से अच्छा काम करती हैं.
2. लेडी बाउंसर्स
Clubs, Pubs की सुरक्षा सुनिश्चित करते हैं बांउसर्स. हट्टे-कट्टे जिन्हें देखकर ही अच्छे-अच्छों की हवा टाइट हो जाती है. लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि भारत में सिर्फ़ पुरुष ही नहीं, कई ले़डी बांउसर्स भी हैं. 2008 की बीबीसी की इस रिपोर्ट के अनुसार, चंडीगढ़ की अमनदीप कौर भारत की पहली महिला बाउंसर है. दिल्ली की पहली लेडी बाउंसर हैं, मेहरुनिसा.
पुणे में एक फ़र्म में लेडी बाउंसर्स की पूरी फ़ौज है जिन्हें प्रॉपर ट्रेनिंग दी जाती है.
3. Swiggy फ़ूड डिलीवरी Executive
खाने को घर, दफ़्तर तक पहुंचाने वाले डिलीवरी वाले भैया. कुछ ही दिनों में डिलीवरी वाली दीदी भी आपका ऑर्डर लेकर आएंगी. The News Minute की एक रिपोर्ट के अनुसार, मार्च 2019-2000 में महिलाएं Swiggy की डिलीवरी टीम से जुड़ेंगी. अभी 60 महिलाएं Swiggy की डिलीवरी टीम से जुड़ी हैं, जो अहमादाबाद, कोची, कोलकाता, मुंबई, नागपुर और पुणे में खाना डिलीवर करती हैं.
4. बस ड्राइवर
पब्लिक बसों में सैंकड़ों पैसेंजर्स को सालों से संभालते आई हैं, वसंथा कुमारी. भारत ही नहीं एशिया की पहली महिला बस ड्राइवर. अपना घर चलाने के लिए वसंथा ने बस ड्राइविंग का काम शुरू किया और बाद में ये उनका Passion बन गया. 1993 से बस चला रही हैं वसंथा.
5. महिलाओं के Crew ने चलाई पैसेंजर ट्रेन
HT की एक रिपोर्ट के अनुसार अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर All Women Crew एक पैसेंजर ट्रेन को 111 किलोमीटर ले गया. इस टीम की लोको पायलट, असिस्टेंट लोको पायलट, गार्ड, टिकट चेकर सभी महिलाएं थीं. ये ट्रेन रांची से लातेहार तक गई. इसमें मौजूद आरपीएफ़ सिपाही भी महिलाएं ही थीं.
6. महिला बॉडी बिल्डर
अश्विनी वासकर भारत की पहली महिला बॉडी बिल्डर हैं. ज़्यादा वज़न से परेशान होकर अश्विनी ने Gym Join किया. इसी दौरान उन्होंने भारत की पहली महिला बॉडी बिल्डिंग प्रतियोगिता के बारे में सुना और इस प्रतियोगिता में हिस्सा लेनी का निर्णय लिया. वज़न घटाने के बाद, Muscles बनाने की कड़ी ट्रेनिंग शुरु हुई. घरवालों को भी उनके प्रोफ़ेशन बदलने पर शंकाएं थीं लेकिन शंकाओं में घिरे होने के बावजूद उन्होंने अश्विनी की सहायता की.
अब कहो, वो कौन सा काम है जो महिलाएं नहीं कर सकतीं?