किसी भी काम को करने के लिए आपके अंदर जुनून होना बेहद ज़रूरी है, तभी आपके सपने पूरे हो सकते हैं.
आज हम आपको एक ऐसी महिला के बारे में बताने जा रहे हैं जिन्हें ख़तरों से खेलना पसंद है. इनके लिए उम्र कोई मायने नहीं रखती.
![](https://wp.hindi.scoopwhoop.com/wp-content/uploads/2019/08/5d67d34b50758d1813cac64b_57f3ee32-dd88-4c25-997e-9191ab0aca0e.jpg)
अक़्सर सांप को देखते ही लोग या तो डर के मारे भागने लगते हैं या फिर उसे मारने लगते हैं, लेकिन केरल की रहने वाली विद्या राजू के लिए सांप उनके बच्चों के सामान हैं. इसी को तो कहते हैं ख़तरों से खेलना.
60 साल की विद्या पिछले दो दशकों से सिर्फ़ सांप ही नहीं बल्कि पक्षियों व अन्य जानवरों को जीवन देने का काम कर रही हैं. विद्या अब तक 1000 से ज़्यादा सांपों को रेस्क्यू कर चुकी हैं. मूल रूप से बिहार की रहने वाली विद्या वर्तमान में अपने पति रिटायर्ड कमांडर एनवीएस राजू के साथ कोच्ची में रहती हैं.
विद्या की आंखों में उस बात को याद करते ही चमक आ जाती है जब उन्होंने पहली बार किसी सांप को रेस्क्यू किया था.
![](https://wp.hindi.scoopwhoop.com/wp-content/uploads/2019/08/5d67d34b50758d1813cac64b_8bdb6ef7-b99f-4ed2-84f3-b209316fa6f1.jpg)
विद्या कहती हैं, बात साल 2000 की है. उस वक़्त मेरे पति गोवा में पोस्टेड थे. मैं उस वक़्त World Wildlife Fund के साथ वॉलिंटियर के तौर पर जुड़ी हुई थी. सरीसृपों के प्रति मेरी रुचि को देखते हुए एक दिन मुझे एक सांप के रेस्क्यू के लिए बुलाया गया. मैं पहली बार किसी सांप को पकड़ने जा रही थी. उस दिन मैंने पहली बार ज़हरीला Viper Snake अपने हाथों से पकड़ा.
ज़हरीले Viper Snake को हाथ में पकड़ने के बावज़ूद मुझे डर बिलकुल भी नहीं था. हाथ में सांप आते ही मेरा आत्मविश्वास बढ़ जाता है, क्योंकि मुझे उनसे प्यार है. वो दिन था और आज का दिन है सांपों के साथ मेरी जैसे दोस्ती से हो गई है.
![](https://wp.hindi.scoopwhoop.com/wp-content/uploads/2019/08/5d67d34b50758d1813cac64b_cfe25dd1-d663-426e-9f15-a51a267f353a.jpg)
विद्या के पति की सरकारी नौकरी थी इसलिए उन्हें हर 3 साल में ट्रांसफ़र का सामना करना पड़ता था. इस वजह से विद्या को देशभर के कई शहरों में एनिमल रेस्क्यू करने का मौका मिला.
विद्या कहती हैं कि ‘मैंने जहां भी एनिमल रेस्क्यू ऑपरेशन किये उस दौरान मैंने स्थानीय लोगों और वन विभाग के लोगों के साथ मिलकर काम किया. करीब दो दशकों की इस यात्रा के दौरान मैंने कई तरह के विषैले और गैर-विषैले सांपों के बारे में पढ़ा और रिसर्च किया.
![](https://wp.hindi.scoopwhoop.com/wp-content/uploads/2019/08/5d67d34b50758d1813cac64b_f2841ba8-40e2-4a69-ab2c-b442d902b0c5.jpg)
सांपों को पकड़ना एक नियमित सीखने वाली प्रक्रिया है. रेस्क्यू के दौरान मैं सबसे पहले सांप की गर्दन पकड़ती हूं. ताकि सांप को हमले का मौका न मिल सके. इस दौरान हर एक कदम सोच समझकर उठाना पड़ता है.
विद्या वर्तमान में ‘कोचिन नेचुरल हिस्ट्री सोसाइटी’ के साथ काम कर रही हैं. साल 2018 में केरल में आई विनाशकारी बाढ़ के दौरान विद्या ने लोगों की काफ़ी मदद की थी. इस दौरान हर जगह पानी ही पानी भर गया था जिस वजह से वहां कई सांप भी आ गए थे. उस वक़्त विद्या ने लोगों के घरों से कई ज़हरीले सांपों का रेस्क्यू किया था.
![](https://wp.hindi.scoopwhoop.com/wp-content/uploads/2019/08/5d67d34b50758d1813cac64b_f8d2c6f8-48f8-43aa-8839-b1e7e7834da2.jpg)
विद्या कहती हैं ‘मेरी इस यात्रा में मेरे पति का सबसे बड़ा योगदान रहा है. उन्होंने हर मोड़ पर मेरा साथ निभाया है. कभी-कभी तो लोग मुझे देर रात कॉल करके भी बुला लेते हैं. ऐसे समय में मेरे पति मेरा साथ देते हैं.