विज्ञान के क्षेत्र में हमारा देश ख़ूब तरक्की कर रहा है. इस क्षेत्र में महिलाओं का योगदान बराबर भले न हो लेकिन कम भी नहीं है. मगर फिर भी हम बहुत कम ही महिला वैज्ञानिकों के नाम जानते हैं.
1. टेसी थॉमस
इन्हें भारत की ‘मिसाइल वुमन’ भी कहा जाता है. ये फ़िलहाल महानिदेशक और रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) में Director General of Aeronautical Systems के पद पर कार्यरत हैं. ये अग्नि-IV मिसाइल की पूर्व परियोजना निदेशक भी रह चुकी हैं. ये एक मिसाइल परियोजना का नेतृत्व करने वाली पहली भारतीय महिला वैज्ञानिक हैं.
2. असीमा चटर्जी
ऑर्गेनिक केमिस्ट्री में इनका योगदान अतुल्य है. इन्होंने मिर्गी की दवा आयुष-56 और एंटी-मलेरिया दवाओं की खोज की है. यही नहीं, असीमा जी ने विनका अल्कलॉइड नाम की दवा पर शोध भी किए हैं.
3. रितु करिधल
रितु करिधल जी इसरो के चंद्रयान-2 परियोजना की मिशन निदेशक हैं. लखनऊ में जन्मी रितु जी को देश की रॉकेट वुमेन भी कहा जाता है. इन्होंने 2007 में इसरो जॉइन किया था और उसी वर्ष इन्हें यंग साइंटिस्ट अवॉर्ड से सम्मानित किया था. ये मंगलयान प्रोजक्ट का भी हिस्सा थीं.
4. डॉ. इंदिरा हिंदुजा
डॉ. इंदिरा हिंदुजा जी प्रसिद्ध स्त्री रोग विशेषज्ञ, प्रसूति विशेषज्ञ और बांझपन विशेषज्ञ हैं. इन्होंने ही GIFT (Gamate Intra fallopian Transfer) की शुरुआत की थी. भारत का पहला टेस्ट ट्यूब बेबी इन्हीं के हाथों जन्मा था.
5. शुभा तोले
Neuroscience यानी तंत्रिका विज्ञान में इनका बहुत अहम योगदान है. इन्होंने एक मास्टर रेगुलेटर जीन की खोज की है, जो मस्तिष्क के कॉर्टेक्स हिप्पोकैम्पस और एमिग्डाला(Cortex hippocampus And Amygdala) के विकास को नियंत्रित करता है. फ़िलहाल ये Tata Institute Of Fundamental Research में काम कर रही हैं.
6. मुथैया वनिता
मुथैया वनिता जी चंद्रयान-2 की परियोजना निदेशक हैं. ये इसरो की पहली महिला वैज्ञानिक हैं, जो किसी Interplanetary Mission को लीड कर रही हैं. ये क़रीब 3 दशक से इसरो में काम कर रही हैं. इन्होंने 2006 में सर्वश्रेष्ठ महिला वैज्ञानिक पुरस्कार भी जीता था.
7. दर्शन रंगनाथन
बॉयो-ऑर्गेनिक कैमेस्ट्री के क्षेत्र ये एक जाना-पहचाना नाम हैं. रंगनाथन जी सुपरमॉलेक्यूलर असेंबली, आणविक डिज़ाइन, और नैनोट्यूब के संश्लेषण जैसे कार्यों के लिए विख्यात हैं.
8. परमजीत ख़ुराना
इन्होंने All Weather Seeds की खोज की थी. परमजीत जी ने शहतूत, गेहूं और चावल की उन्नत किस्में विकसित की हैं, जो किसी भी जलवायु में फल-फूल सकती हैं.
9. गगनदीप कांग
गगनदीप जी एक वायरोलॉजिस्ट और वैज्ञानिक हैं, जो Translational Health Science And Technology Institute (THSTI) फ़रीदाबाद की कार्यकारी निदेशक हैं. Fellow Of the Royal Society (FRS) चुनी जाने वाली ये देश की पहली महिला वैज्ञानिक हैं. इन्हें राष्ट्रीय रोटावायरस और टाइफ़ाइड निगरानी नेटवर्क के निर्माण के लिए जाना जाता है.
10. डॉ. अदिति पंत
ये एक प्रसिद्ध समुद्र विज्ञानी हैं और 1983 में अंटार्कटिका जाने वाली पहली भारतीय महिला वैज्ञानिक भी. इन्होंने समुद्र विज्ञान और भू-विज्ञान के बारे में शोध करने के लिए अंटार्कटिका का कई बार दौरा किया है.
सी.वी. रमन और अब्दुल कलाम जैसे ही इन महिला वैज्ञानिकों का योगदान भुलाया नहीं जा सकता. इन महिला वैज्ञानिकों को हमारा सलाम.