इंसानियत(Humanity) की मिसाल पेश करने वाले अकसर सुर्खियों में रहते हैं. उन्हें देश और दुनिया सभी जगह सराहा जाता है. इसमें भी महिला सशक्तिकरण(Woman Empowerment) को बढ़ावा देने वालों की लोग तारीफ़ करते नहीं थकते हैं. आज हम आपको चेन्नई की एक ऐसी ही महिला से मिलवाएंगे जो महिला होते हुए भी ऑटो चलाती हैं और महिलाओं को रात के 10 बजे के बाद या फिर आपात स्थिति में मुफ़्त में ऑटो राइड ऑफ़र करती हैं. 

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बात हो रही है चेन्नई(Chennai) की रहने वाली एक महिला ऑटो ड्राइवर राजी अशोक की. 50 साल की राजी पिछले 23 साल से ऑटो रिक्शा चला रही हैं. वो हाल ही में सुर्खियों में जब आई जब उनका एक इंटरव्यू इंटरनेट पर वायरल हुआ. उनकी कुछ तस्वीरें भी इंटरनेट पर छाई रही हैं और लोग ट्विटर पर राजी की सराहना करने से ख़ुद को रोक नहीं पाए.   

कौन हैं राजी अक्का?  

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लोगों के बीच ऑटो अक्का के नाम से मशहूर राजी अशोक तमिलनाडु की रहने वाली हैं. राजी ग्रेजुएट हैं और मनमुताबिक नौकरी न मिलने के कारण ऑटो रिक्शा चलाने लगीं. वो पितृसत्तात्मक मानदंडों को चुनौती देते हुए महिलाओं को रात में सुरक्षित यात्रा मुहैया कराने की मुहिम में जुटी हुई हैं. 

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राजी कहती हैं-’मैं पिछले 23 वर्षों से एक ऑटो चला रही हूं; छात्राओं, बुजु़र्गों और महिलाओं को रात 10 बजे के बाद मुफ़्त सवारी की पेशकश करती हूं. आपात स्थिति में मैं लोगों को अस्पताल फ़्री में पहुंचाती हूं.’

महिलाओं की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए शुरू किया ऑटो रिक्शा चलाना 

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राजी ने बताया कि महिलाओं की सुरक्षा और परिवार को सपोर्ट करने के लिए उन्होंने ऑटो चलाना शुरू किया था. वो केरल की रहने वाली हैं और अपने पति के साथ चेन्नई में रहती हैं. उनके पति भी ऑटो रिक्शा चलाते हैं. राजी का मानना है कि महिलाओं को मुफ़्त में ड्राइविंग सिखाई जानी चाहिए. उनका कहना है कि बहुत-सी अनपढ़ महिलाएं कम वेतन पर हाउस मेड का काम करने को मजबूर हैं. अगर वो ऑटो चलाना सीख जाएंगी तो 15-20 हज़ार रुपये आराम से कमा सकती हैं. वो ख़ुद भी खाली समय में महिलाओं को रिक्शा चलाना सिखाती हैं. 

10000 से अधिक महिलाओं को मुफ़्त में सुरक्षित घर पहुंचा चुकी हैं ये महिला ऑटो ड्राइवर 

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एक रिपोर्ट के मुताबिक, राजी 10000 से अधिक महिलाओं को मुफ़्त में सुरक्षित घर पहुंचा चुकी हैं. जब से वो रिक्शा चला रही हैं उन्होंने कभी किसी महिला को ऑटो में बैठाने से मना नहीं किया. इमरजेंसी में भी वो लोगों की हेल्प करने को तैयार रहती हैं. बच्चों और बुज़ुर्गों को आधी रात में अस्पताल पहुंचाना हो तो तब भी वो किसी को ना नहीं कहतीं.

राजी अशोक की उदारता महिलाओं और बुज़ुर्गों के जीवन में उम्मीद की किरण साबित हो रही है क्योंकि बहुत से ऑटो-चालक रात में इनकी उपेक्षा कर देते हैं. ऑटो अक्का को हमारी टीम की तरफ से सलाम.