हम सभी जानते हैं कि किरण बेदी भारत की पहली महिला IPS अफ़सर हैं. क्या आप भारत की दूसरी महिला IPS अफ़सर और पहली महिला DGP के बारे में जानते हैं?


मिलिए कंचन चौधरी भट्टाचार्य से…कंचन चौधरी भट्टाचार्य हैं देश की दूसरी महिला IPS अफ़सर और पहली महिला DGP.  

मुश्किलों में बीता शुरुआती जीवन 


कुछ मतभेद की वजह से कंचन के दादा-दादी ने उसके माता-पिता को घर से बाहर निकाल दिया था. उस समय कंचन सिर्फ़ 7 साल की थीं. कंचन के माता-पिता ने हार नहीं मानी और एक बंजर ज़मीन पर खेती शुरू की, ये उनके पुरखों की ज़मीन थी. जैसे ही उस ज़मीन पर फ़सल आने लगी कंचन के दादा ने एक लोकल तस्कर को ये ज़मीन बेच दी. 

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यूं जागी पुलिस में जाने की इच्छा 


Life Beyond Numbers से बात करते हुए कंचन ने बताया, ‘वो गुंडे हथियार लेकर आये और मेरे पापा और उनकी मदद कर रहे लोगों को बाहर निकाल दिया. मेरे पापा की जान पर बन आई थी. गुंडों के ख़िलाफ़ वे कोर्ट गये. मुझे तब से याद है, पापा अलग-अलग कोर्ट में अपने केस को लेकर जाते. मैं भी उनके साथ कभी इस ऑफ़िस, कभी उस ऑफ़िस जाती इस कोशिश में कि पुलिस मेरे पिता को सताने वालों के ख़िलाफ़ कोई केस दर्ज करे. मैंने सीनियर अफ़सरों, राज्यपाल और यहां तक कि प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी तक के पास अपील की.’ 

इस अनुभव के बाद कंचन के मन में इंडियन पुलिस सर्विस जॉइन करने की तीव्र इच्छा जागी. 

इंस्ट्रक्टर ने सोचा कि वो ट्रेनिंग छोड़ देंगी 


ट्रेनिंग के दौरान, 90 पुरुषों में कंचन अकेली महिला थीं और उनके इंस्ट्रक्टर को भी लगा कि वो ट्रेनिंग छोड़ देंगी. किरण भी फौलाद की बनीं थीं और उन्होंने इंस्ट्रक्टर की सोच को ग़लत साबित किया. 

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पहली पोस्टिंग में ही झंडे गाड़ दिये 


कंचन की पहली पोस्टिंग मिली, लखनऊ के पास के मलीहाबाद की 1975 में. ये इलाक़ा दशहरी आमों और डकैतों के लिए मशहूर था. 1 साल के अंदर पुलिस ने 13 खूंखार डकैतों को गिरफ़्तार कर लिया. पुलिस की नाक में 1 दशक से ज़्यादा समय तक दम करने वाले माखन सिंह को भी हिरासत में ले लिया गया. 

कई हाई-प्रोफ़ाइल केस की जांच की 


कंचन ने कई बड़े-बड़े केस संभाले. बतौर एसपी, सीबीआई उन्होंने बैडमिंटन चैंपियन, सैयद मोदी की हत्या की जांच की. इसके अलावा उन्होंने रिलायंस-बॉम्बे डायिंग केस को भी संभाला. 

उत्तराखंड और देश की पहली महिला डीजीपी बनीं 


पुलिस विभाग में महिलाओं के साथ हो रहे भेदभाव से लंबी लड़ाई लड़ने के बाद उन्हें देश की पहली DGP बनाया गया. कंचन ने ही महिलाओं को पुलिस विभाग में अतिरिक्त काम देना शुरू किया. उन्होंने महिला होम गार्ड्स को शहर के ट्रैफ़िक पॉइंट्स पर तैनात किया. 

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दूरदर्शन पर ‘उड़ान’ सीरियल जिसने देशभर की महिलाओं को प्रेरित किया, किरण की ही ज़िन्दगी पर आधारित है.


कंचन ने 27 अगस्त, 2019 को इस दुनिया को अलविदा कह दिया.