पद्मभूषण सम्मानित अन्ना राजम मल्होत्रा एक बेहद मेहनती महिला हैं, उन्होंने पहली महिला IAS अफ़सर बन कर साबित किया है कि महिलाएं चाहें तो कुछ भी कर सकती हैं. हालांकि, उस दौर में उन्हें कदम-कदम पर पितृसत्ता से जूझना पड़ा था, पर उन्होंने अपने कदम कभी पीछे नहीं हटाये.

ये उस समय की बात है, जब IAS अफ़सर के रूप में एक महिला को देखने के लोग आदि नहीं थे. जब केरल की अन्ना ने 1950 में सिविल सर्विस परीक्षा पास की थी, तब उनका इंटरव्यू ले रहे बोर्ड ने उन्हें सुझाव दिया था कि वो फ़ॉरेन सर्विस या सेंट्रल सर्विस को चुन लें, क्योंकि ये क्षेत्र महिलाओं के लिए कम मुश्किल हैं. उस वक़्त राज्य के मुख्यमंत्री C. Rajagopalachari ने उन्हें डिस्ट्रिक्ट सब कलेक्टर का पद न देकर, सेक्रेटेरिएट में पद दिया था.

अन्ना ने घुड़सवारी और शूटिंग की ट्रेनिंग भी ले रखी थी. उनका मानना था कि वो किसी मामले में भी अपने पुरुष साथियों से कम नहीं हैं. जब उनको अपॉइंटमेंट लेटर दिया गया, तो उसमें लिखा था कि शादी होने पर उनकी सर्विस समाप्त कर दी जाएगी.

इस तरह का कोई भी नियम आदमियों के लिए नहीं था. हालांकि, लगभग दो साल बाद ही इस नियम को बदल दिया गया. इस तरह की कई समस्याएं उनके सामने आती रहीं, क्योंकि वो एक महिला थीं. उन्हें हमेशा अपने पुरुष साथियों से अलग ट्रीट किया गया. उन्हें खुद को साबित करने के लिए हर बार अधिक मेहनत करनी पड़ी.

अन्ना राजम ने आगे चल कर अपने बैचमेट आर.एन. मल्होत्रा से शादी की, जो बाद में RBI के गवर्नर भी बने.

अन्ना को ये बिलकुल पसंद नहीं कि लोग ये मानें कि उनकी सफ़लता ने अन्य महिलाओं के लिए आगे बढ़ने के रास्ते खोल दिए. वो कहती हैं कि क्या अगर वो सफ़ल न हो पातीं, तो दूसरी महिलाओं को मौका नहीं दिया जाता?

वो बताती हैं कि उनके किसी भी फ़ैसले को अच्छा नहीं माना जाता था और लोगों को लगता था कि वो विफ़ल हो जायेंगी, लेकिन फिर भी वो सफ़लता हासिल कर के रहती थीं. उनकी उपलब्धियों की लम्बी सूची है.

उन्होंने 1982 एशियाड परियोजना में राजीव गांधी की सहायता की, पैर में चोट होने के बावजूद वो खाद्य उत्पादन पैटर्न का अध्ययन करने के लिए आठ राज्यों की यात्रा पर इंदिरा गांधी के साथ रहीं.

7 मुख्यमंत्रियों के कार्यकाल में अपनी सेवा देकर उन्होंने कर्मनिष्ठा से अपनी छवि एक तत्पर अफ़सर के रूप में बनायी. अपने करियर में उन्होंने महत्वपूर्ण फ़ैसले लिए, जिनके लिए उनकी ख़ूब सराहना की जाती है.