‘डी. रूपा’

इस नाम से तो हर कोई वाक़िफ़ होगा. है न! जो लोग नहीं जानते हैं, उन्हें बता दें कि डी. रूपा देश की क़ाबिल और दमदार महिला IPS अफ़सर हैं. डी. रूपा देश की उन ईमानदार अधिकारियों में से हैं, जो काम के साथ किसी तरह का समझौता नहीं करती. यही वजह है कि 20 साल के करियर में उनका 40 से ज़्यादा बार तबादला हो चुका है.

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रिपोर्ट के मुताबिक, इस बार डी. रूपा को कर्नाटक के हस्तशिल्प विकास निगम के प्रबंध निदेशक की ज़िम्मेदारी दी गई है. बीते शुक्रवार उन्होंने अपना नया पद भार संभाल कर नये साल की शुरूआत की. कहा जा रहा है कि बेंगलुरु की एक परियोजना को लेकर वरिष्ठ IPS अफ़सर से कहा सुनी हुई थी. IPS अधिकारी के साथ हुए विवाद का ख़ामियाज़ा उन्हें ट्रांफ़सर लेकर चुकाना पड़ा.  

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शहर के हैंडलूम एम्पोरियम का कामकाज संभालने के बाद डी. रूपा ने एक ट्वीट के ज़रिये तबादले के प्रति नाराज़गी भी ज़ाहिर की है. ख़बर के अनुसार, IPS अफ़सर ने अपने कार्यकाल के दौरान हेमंत निंबालकर पर टेंडर में गड़बड़ी करने का आरोप लगाया था. इसके बाद उन्हें ट्रांसफ़र का फ़रमान सुना दिया गया. उनके साथ-साथ हेमंत निंबालकर का भी तबादला कर दिया गया है. ट्वीट में डी. रूपा ने ये भी कहा कि ये ट्रांसफ़र अन्य अधिकारी के साथ एक स्थान पर रखने जैसे है. वो अधिकारी जिसके ख़िलाफ़ CBI ने आरोपपत्र दर्ज किया हुआ है और पिछले एक साल से इस पर कार्रवाई चल रही है.

जानकारी के अनुसार, डी. रूपा UPSC की परीक्षा में ऑल इंडिया 43वीं रैंक लाई थीं और उनका कार्य कभी राजनीति से प्रेरित नहीं रहा. अब तक के कार्यकाल में उन्होंने हमेशा ग़लत को ग़लत बताया है, फिर चाहे वो मंत्री हो या संत्री. उन्होंने निडर होकर बड़े-बड़े नेताओं की पोल भी खोली है, जिस वजह से वो हमेशा सुर्ख़ियों में रहती हैं. इसी ईमानदारी और साहस के लिये उन्हें राष्ट्रपति मेडल से भी नवाज़ा जा चुका है.  

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यही नहीं, वो आसानी से IAS भी बन सकती हैं, पर पुलिस सर्विसेज़ के शौक़ की वजह से उन्होंने IPS बनना पसंद किया. वो एक बेहतरीन शूटर भी हैं. इसके साथ ही कन्नड़ फ़िल्मों में गाना भी गा चुकी हैं. दुनिया का यही दस्तूर हैं. यहां जो जितना ईमानदार होता है, सबसे ज़्यादा परेशानी भी उसे ही उठानी पड़ती है. डी. रूपा ईमानदारी की मिसाल हैं और उम्मीद करते हैं कि भविष्य में भी वो इसी तरह हम सबकी आइडल बनी रहेंगी.