IPS Shalini Agnihotri Story : कई बार अतीत की कुछ घटनाएं व्यक्ति को इतना प्रभावित या अंदर तक झंझोर देती हैं कि व्यक्ति भविष्य में उससे जुड़ा कुछ चौंका देने वाला काम कर डालता है. ये घटना अपमान हो सकती है या कोई दर्दनाक घटना. विश्व भर में ऐसे उदाहरण आपको कई मिल जाएंगे. जैसे कभी फ़रारी ने Ferruccio Lamborghini का अपमान किया था, तो उन्होंने उस अपमान का बदला लेने के लिए Lamborghini नाम से ख़ुद की गाड़ी की ब्रांड खड़ी कर दी. वहीं, विदेश के किसी होटल के अंदर प्रवेश न करने देने पर जमशेदजी टाटा ने भारत में ही आलिशान ‘ताज होटल’ बनवा डाला. कुछ ऐसी ही दिलचस्प कहानी इस बहादुर IPS ऑफ़िसर की है. 

आइये, अब विस्तार से जानते हैं इस बहादुर फ़ीमेल IPS ऑफ़िसर (IPS Shalini Agnihotri Story) की पूरी कहानी. 

IPS ऑफ़िसर शालिनी अग्निहोत्री  

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हम जिस IPS ऑफ़िसर की बात कर रहे हैं उनका नाम है शालिनी अग्निहोत्री. शालिनी हिमाचल प्रदेश के ऊना ज़िले के एक छोटे से गांव ठठ्ठल की रहने वाली हैं. उनके पिता एक बस कंडक्टर थे. एक सामान्य परिवार से होने के बावजूद उनका भारत की सबसे कठीक परीक्षा यूपीएससी को क्लीयर किया और बन गईं IPS ऑफ़िसर. उनके आईपीएस बनने के पीछे अतीत की एक घटना जुड़ी है, जिसकी वजह से ही वो आज इस मुक़ाम पर पहुंची हैं. क्या है वो घटना वो हम आपको आगे बताएंगे. 

कभी मां का किया गया था अपमान  

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दरअसल, हुआ यूं था कि एक बार शालिनी अपनी मां के साथ बस में सफ़र कर रही थीं. जिस सीट पर उनकी मां बैठी थी उसके पीछे एक अनजान व्यक्ति ने हाथ लगा रखा था, जिस वजह से उनकी मां असहज होकर ठीक से बैठ नहीं पा रही थीं. बार-बार अनुरोध करने के बावजूद उस व्यक्ति ने हाथ हटाने से मना किया और गुस्से में बोल पड़ा कि, “तुम कहीं कि डीसी हो क्या, जो तुम्हारी बात मान लें”. इस बात का गहरा प्रभाव नन्हीं शालिनी पर ऐसा पड़ा कि उन्होंने उसी वक़्त ठान लिया कि वो भविष्य में एक बड़ी अफ़सर ज़रूर बनेंगी.  

शुरू की UPSC की तैयारी  

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शालिनी (IPS Shalini Agnihotri Story) पढ़ाई में अच्छी थीं, उन्होंने 10वीं में 92 प्रतिशत और 12वीं में 77 प्रतिशत अंक प्राप्त किए. इसके बाद उन्होंने हिमाचल से ही कृषि में अपना ग्रेजुएशन पूरा किया. बचपन की वो घटना अब तक उन्हें याद थी. यही वजह थी कि उन्होंने पढ़ाई के साथ-साथ यूपीएससी की तैयारी शुरू कर दी थी. उन्हें पता था कि ये परीक्षा बहुत कठिन है, अगर वो इसे क्लीयर नहीं कर पाती हैं, तो घरवाले निराश हो सकते हैं. इसलिए, अपनी तैयारी के बारे में उन्होंने किसी को नहीं बताया था. 

प्राप्त की 285वीं रैंक  

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जानकार हैरानी होगी कि बिना किसी कोचिंग के शालिनी (IPS Shalini Agnihotri Story) ने यूपीएससी की परीक्षा की तैयारी की थी. 2011 में उन्होंने परीक्षा दी थी. परीक्षा के परिणाम आए और उनकी मेहनत रंग लाई. शालिनी ने पहली बारी में ही यूपीएससी परीक्षा क्रैक कर ली थी. उनकी 285वीं रैंक थी. उन्हें इंडियन पुलिस सर्विस यानी IPS के लिए चुना गया.  

राष्ट्रपति के हाथों पुरस्कृत 

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शालिनी अग्निहोत्री एक जांबाज़ आईपीएस ऑफ़िसर (IPS Shalini Agnihotri Story) हैं. उनकी बहादुरी के लिए उन्हें Prime Minister’s Baton और गृहमंत्री की रिवॉल्वर भी दी गई है. इसके अलावा, उन्होंने बेस्ट ट्रेनिंग अवॉर्ड भी जीता है और साथ ही राष्ट्रपति के हाथों पुरस्कृत भी हुई हैं. तो दोस्तों, ये है IPS ऑफ़िसर शालिनी अग्निहोत्री की दिलचस्प कहानी. आपको ये आर्टिकल कैसा लगा हमें कमेंट में ज़रूर बताएं.