जस्टिस हिमा कोहली ने बीते गुरुवार को तेलंगाना हाई कोर्ट की चीफ़ जस्टिस का पद संभाला. हैदराबाद में एक छोटे से समारोह में जस्टिस कोहली ने शपथ ली और राज्य की पहली महिला चीफ़ जस्टिस बन गईं. 

The News Minute

The News Minute की रिपोर्ट के अनुसार, राज्यपाल डॉ.तमिलसाई सौंदर्यराजन ने राजभवन में जस्टिस कोहली को शपथ दिलवाई. मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव(केसीआर), उप मुख्यमंत्री महमूद अली और राज्य के कई मंत्री शपथ ग्रहण समारोह में उपस्थित थे.  

वक़ालत का सफ़र 

जस्टिस कोहली दिल्ली यूनिवर्सिटी के स्टिफ़न्स कॉलेज से इतिहास में पोस्ट-ग्रैजुएट की डिग्री प्राप्त की. वो आईएएस अफ़सर बनना चाहती थी. उन्होंने दिल्ली यूनिवर्सिटी के कैंपस लॉ सेंटर के एलएलबी प्रोग्राम में एनरॉल किया और सिविल सर्विसेज़ की तैयारी जारी रखी. वकालत की पढ़ाई के दौरान ही उन्हें एहसास हुआ कि उन्हें क्रिमिनल लॉयर बनना चाहिए. जस्टिस कोहली ने 1984 में वकालत शुरू की. जल्द ही जस्टिस कोहली का सामना हक़ीक़त से हुआ, कई बार पटियाला हाउस कोर्ट जाने के बाद जस्टिस कोहली ने करियर का रुख़ मोड़ा.  

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2011 में सोसाइटी ऑफ़ वुमन लॉयर्स की एक सभा में जस्टिस कोहली ने कहा, 

उन चेन से बंधे लकड़ी के टेबल्स की कतारों, रिसाव वाले टीन की छतों और दौड़ते-भागते कुत्तों से विचित्र कुछ नहीं है. क्रिमिनल प्रैक्टिस कर पाने का सपना टूट गया. मुझे सेफ़ सिविल साइड भेज दिया गया और एक एक्सपीरियंस लेने के लिए एक सीनियर एडवोकेट को जॉइन करने की हिदायत दी गई. 

-जस्टिस कोहली

एक दशक बाद जस्टिस कोहली को दिल्ली हाई कोर्ट में स्टैंडिंग काउंसिल बनाया गया. उनके सहकर्मी उन्हें लीगल विभाग के सबसे चमकते सितारों में से एक मानते हैं.  
1999 से 2004 तक वे दिल्ली हाई कोर्ट में एनडीएमसी के लिए स्टैंडिंग काउंसिल और लीगल एडवाइज़र थीं. 2006 में उन्हें दिल्ली हाई कोर्ट का एडिशनल जज नियुक्त किया गया और 2007 में उन्हें दिल्ली हाईकोर्ट का न्यायधीश बनाया गया.  
जस्टिस कोहली नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी के गवर्निंग काउंसिल की सदस्य भी है.  

Telangana Today

जस्टिस कोहली के जजमेंट्स 

जस्टिस कोहली के ज़्यादातर जजमेंट्स से ज़मीनी स्तर पर काफ़ी परिवर्तन आए. जस्टिस कोहली ने ही RT-PCR Test के लिए डॉक्टर प्रेसक्रीपशन की अनिवार्यता ख़त्म की थी. इस वजह से सरकार को टेस्टिंग फ़ैसिलिटी बढ़ानी पड़ी.

पारिवारिक मसलों में मध्यस्थता के लिए भी उन्हें जाना जाता है.

जस्टिस कोहली के चीफ़ जस्टिस बनने से कई महिला वक़ीलों के लिए राह ज़रा आसान हो जाएगी.