केरल रेलवे में कर्मचारियों की एक टीम जिसमें सिर्फ़ और सिर्फ़ महिलाए हैं, जो मिसाल कायम कर रही हैं. 14 महिलाओं की इस टीम की सुपरवाइज़र भी एक महिला ही है. इनका काम ट्रेन के डब्बों की जांच करना है. रेलवे में मुख्यत: यह काम पुरुष ही करते हैं.
इस टीम का नाम L-Team है, यहां L का मतलब लेडीज़ है. इनका काम ट्रेन के डब्बों की जांच कर यात्रिओं की और ट्रेन की सुरक्षा को सुनिश्चित करना है.
L-Team 80 ट्रेन के डब्बों और रेक्स की जांच करती है. हर 3,500 किलोमिटर पर डब्बों और रेकों की सुरक्षा मानकों के हिसाब से दोबारा जांच होती है.
इनकी टीम की सबसे छोटी सदस्य 28 साल की Krishnendu है, शुरुआत में उन्हें इस काम में डर लगता था कि क्योंकि इसमें शारीरिक मज़बूती की ज़रूरत पड़ती है. लेकिन धीरे-धारे वो काम को सीखती गईं और अब वो रेक्स की जांच ख़ुद भी कर लेने में सक्षम है.इनकी सुपरवाइज़र Sreekala VM के पास इस काम का 12 साल का तज़ुर्बा है.
हम यात्रियों की सुरक्षा के लिए ज़िम्मेदार हैं, हम ट्रेन की सुरक्षा के लिए ज़िम्मेदार हैं. हम सबकुछ की जांच करते हैं. हम मैकेनिकल मेंनटेंस का काम भी देखते हैं… अंडर गियर एग्ज़ामिनेश की जांच भी करते हैं जी की सुरक्षा के लिए बेहद ज़रूरी है.
-Sreekala VM
ये टीम दो सालों से इस काम को कर रही है. महिलाओं को प्रोत्साहित करने के लिए रेलवे के अधिकारियों ने कई अलग-अलग क्षेत्रों में ऐसी टीम बनाने की कोशिश की लेकिन कहीं सफ़लता हासिल नहीं हुई.