हमारे देश की सेवा में जितना योगदान पुरुषों का है उतना ही महिलाओं का भी है क्योंकि हमारी सोच भले ही इस बात को न स्वीकारें की महिलाएं सिर्फ़ रोटी बनाने के लिए नहीं बनी हैं, लेकिन उनका काम इस सोच को चुनौती देता है और बदलने पर मजबूर करता है. ये महिलाएं घर में बच्चों और बड़ों की ज़रूरतें पूरी करते हुए देश की सेवा में तत्पर हैं. इन्हें कितना भी दुख होगा ये ख़ुद को सशक्त रखती हैं. ऐसा ही कुछ ज्योति नैनवाल ने भी किया है, जिन्होंने साबित कर दिया कि दुख की चट्टान हौसलों के आगे घुटने टेक ही देती है. ज्योति शहीद मेजर दीपक नैनवाल की पत्नी हैं.

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दीपक नैनवाल एक बहादुर और निडर जवान थे, जिनकी पोस्टिंग जम्‍मू कश्‍मीर के अनंतनाग में थी, तब आतंकियों से लड़ते हुए अप्रैल 2018 में वो घायल हो गए थे. घायल होने पर उन्हें तुरंत अस्पताल में भर्ती कराया गया, लेकिन उनकी जान नहीं बच पाई और मई 2018 को वो वीरगति को प्राप्त हो गए. पति के जाने का ग़म किसी के लिए तोड़ देने वाला होता है, लेकिन ज्योति ने ख़ुद को टूटने नहीं दिया और अपने पति मेजर दीपक की तरह ही देश की सेवा करने का निश्चय किया. 

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इसके चलते, पति की शहादत के कुछ समय बाद ही ज्योति ने सर्विस सेलेक्‍शन बोर्ड (SSB) टेस्‍ट की तैयारी शुरू कर दी. ज्योंति ने इस टेस्ट को पास भी कर लिया और इसके बाद उनकी चेन्‍नई अकैडमी में 11 महीने तक ट्रेनिंग चली. फिर वो लेफ़्टिनेंट के तौर पर सेना में शामिल हुईं. 

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बीते शनिवार ज्‍योति नैनवाल चेन्‍नई में आयोजित पासिंग आउट परेड में 28 महिला कैडेट्स में शामिल रहीं. इस मौके पर उनके बच्‍चे भी वर्दी में नज़र आए. 33 साल की ज्‍योति नैनवाल के दो बच्चे हैं, जिनमें 9 साल की बेटी लावन्‍या और 7 साल का बेटा रेयांश है. ज्योति इन दोनों को अपने कंधों पर थामे नज़र आईं.

 इन्होंने कहा, 

मेरे पति ने हमें एक ऐसा जीवन दिया है जिसपर हमें गर्व है. मैं इसे आगे बढ़ाने की कोशिश कर रही हूं. मैं अपने पति की रेजिमेंट को धन्यवाद देना चाहती हूं, जो हर क़दम पर मेरे साथ खड़े रहे और मुझे बेटी की तरह माना. मैं सभी महिलाओं के लिए ‘जन्म’ (जन्म) के लिए नहीं, बल्कि ‘कर्म’ के लिए मां बनना चाहती हूं क्योंकि मैं जो कुछ भी करूंगी वो मेरे बच्चों के लिए एक गिफ़्ट होगा.

-ज्योति नैनवाल

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ज्योति की बहादुरी और निडरता पर उनके बच्चों को अपना मां पर गर्व है. इनके बच्चे भी आगे चलकर अपने माता-पिता की तरह ही सेना में भर्ती हो कर देश सेवा करना चाहते हैं. 

ANI के अनुसार, लेफ़्टिनेंट ज्योति के साथ, 177 अन्य उम्मीदवार, जिनमें 124 पुरुष, 28 महिलाएं और 25 विदेशी राष्ट्र शामिल थे, जो सभी Officers Training Academy से बाहर हो गए हैं.

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ट्विटर पर लोग ज्योति के इस साहस को सराहा रहे हैं:

आपको बता दें, ज्‍योति नैनवाल अपने परिवार से सेना में भर्ती होने वाली पहली सदस्‍य हैं, लेकिन इनके ससुर चक्रधर नैनवाल सेना में कार्यरत रह चुके हैं, उन्होंने 1971 के भारत-पाकिस्‍तान युद्ध समेत कई मिशन में हिस्‍सा लिया था.