बचपन में हमने पढ़ा था, ‘आवश्यकता ही आविष्कार की जननी है’. ज़रूरत के हिसाब से हम इंसानों ने एक से बढ़कर एक आविष्कार किए. दुनिया में ऐसा बहुत कुछ है जो हमारी ज़िन्दगी को आसान और सहज बनाता है.

कौन है लक्ष्मी मेनन
केरल के एर्णाकुलम की लक्ष्मी मेनन जानी-मानी इनोवेटर(Innovator) हैं. लक्ष्मी ने वेस्ट पेपर (Waste Paper) से कलम बनाई थी. पर्यावरण संरक्षण की सोचे बिना हम प्लास्टिक के कलम(Use and Throw) इस्तेमाल करते हैं. वो भी ये कहकर कि इससे लिखावट अच्छी होती है!
‘शैया’ की कहानी

इस्तेमाल किए गए PPE किट से बनाया गद्दा
कोविड केयर सेंटर्स में बढ़ते गद्दों की मांग को और पर्यावरण पर कोविड-19 कचरे के प्रभाव को देखते हुए लक्ष्मी ने एक और इनोवेशन (Innovation) कर डाला. लक्ष्मी ने इस्तेमाल किए हुए PPE किट्स से गद्दे बना डाले. The Better India से बात-चीत में उन्होंने बताया कि केरल में 900 से ज़्यादाा ग्राम पंचायत थे और हर ग्राम पंचायत में कोविड केयर फै़सिलिटी थीं. हर फ़ैसिलिटी में कम से कम 50 बिस्तर थे.
कोविड-19 पैंडमिक के दौरान गद्दे बहुत ही ज़रूरी थे. एक गद्दा 500-700 तक का आता है और मरीज़ बदलने के साथ ही गद्दे को भी बदलना या फिर उसे अच्छे से धोना पड़ता था. ये सिर्फ़ केरल की ही नहीं, पूरे देश की कहानी है.
-लक्ष्मी मेनन

कोविड-19 पैंडमिक में PPE किट्स की मांग में भी इज़ाफ़ा हुआ है और बहुत सी कंपनियां, लोकल दर्ज़ी से PPE किट्स बनवाने लगी हैं. उनके अनुसार, केरल के एक दर्ज़ी को 20 हज़ार PPE किट्स का ऑर्डर मिला था. लक्ष्मी ऐसे प्रोडक्शन हाउसेज़, दर्जियों से PPE किट्स बनाने के बाद बची कपड़े की रद्दी लाती हैं, उन्हें बुनती हैं और गद्दे बनाती हैं. दिन-रात कारीगर काम करके किट्स बनाते हैं लेकिन बहुत सारा कपड़ा और प्लास्टिक बच जाता है जिसे रिसाइकल होने में भी काफ़ी समय लगता है.

कोविड-19 पैंडमिक की वजह से कई महिलाओं की नौकरी चली गई थी, लक्ष्मी ने ऐसी महिलाओं को भी नौकरी दी. लक्ष्मी का गद्दे बनाने का वर्कशॉप कोच्चि के पास है. एक गद्दा बनाने में 35 मीटर Braid का इस्तेमाल किया जाता है. लक्ष्मी की कहानी सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद कई कंपनियों ने उन्हें गद्दे ख़रीदने के ऑफ़र दिये, लक्ष्मी ने उनसे 300 रुपये प्रति गद्दे चार्ज किए. लक्ष्मी ‘शैया’ को कोविड सेन्टर्स, ज़रूरतमंदों को मुफ़्त में देती हैं. The Brut India के मुताबिक़, लक्ष्मी और उनकी टीम ने मिलकर अब तक 1000 से ज़्यादा गद्दे बना लिए हैं और कोविड सेन्टर्स में बांटे हैं.