Agra’s Zomato Girl: हमारे समाज की धारणा के तहत लड़के जो चाहें वो कर सकते हैं मगर लड़कियों के लिए काम की सीमाएं हैं. वो रात-रात भर जगकर काम करती हैं, लेकिन रात मेंं बाहर नहीं जा सकतीं, बच्चा डिलीवर कर सकती हैं मगर फ़ूड डिलीवर नहीं कर सकतीं. वहां पर समाज की प्रतिष्ठा और मान को ठेस लग जाती है क्योंकि उनकी समझ में घर-घर खाना पहुंचाना लड़के का काम है, जबकि घर पर भाई या पति अपने 10 दोस्तों को बुला लाए और उनके लिए खाना बनाना एक बहन या पत्नी का कर्तव्य है. वैसे इस दोहरी मानसिकता से तो लड़कियां लड़ती रहेंगी और डंके की चोट पर आगे भी बढ़ती रहेंगी. जैसे लखनऊ के बाद आगरा की सपना (Agra’s Zomato Girl) बढ़ रही है.
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सपना आगरा की पहली Zomato Girl (Agra’s Zomato Girl) हैं, जिन्होंने घर की ज़िम्मेदारी उठाने के लिए ये कदम उठाया है. ताज नगरी, आगरा की सपना इटोरा गांव में रहती हैं. हालांकि, सपना 1 सााल पहले गुरुग्राम में अपना पति के साथ मिठाई की दुकान चलाती थीं. वो तीन बच्चों की मां हैं, जिसमें उनकी बड़ी बेटी 10 साल की है.
News 18 Local से बात करते हुए सपना ने बताया,
मिठाई की दुकान से तीन बच्चों की पढ़ाई और उनका रोज़मर्रा का खर्चा उठाना मुश्किल हो रहा था और लॉकडाउन के बाद तो हमारी स्थिति और बिगड़ गई. इसलिए मैंने अपने पति बनी का हाथ बंटाने के लिए जॉब करने की सोची. महज़ कुछ दिनों पहले ही मैंने फ़ूड डिलीवरी कंपनी में ऑनलाइन अप्लाई किया था. फिर दो दिन पहले ही मेरी फ़ूड डिलीवरी गर्ल के तौर पर जॉइनिंग हो गई है. हालांकि, मेरे पति अभी भी गुरुग्राम में मिठाई की दुकान चलाते हैं.
फ़ूड डिलीवरी गर्ल बनने के बाद के अनुभव के बारे में सपना बताती हैं,
जब भी वो किसी घर पर ऑर्डर डिलीवर करने जाती हैं तो दरवाज़ा खुलते ही लोग उन्हें देखकर हैरान रह जाते हैं क्योंकि वो लोग दरवाज़े पर फ़ूड डिलीवरी बॉय को सोचते हैं. इतना ही नहीं, सड़क पर जब लोग देखते हैं तो 10 तरह की बातें बनाते हैं. कहते हैं कि, आजकल की लड़कियां क्या-क्या काम करती हैं? फ़ूड डिलीवरी तो लड़कों का काम है, लड़कियों को घर चलाना चाहिए. वहीं दूसरी तरफ़ लोग उनकी तारीफ़ भी करते हैं. सपना ने अपने ऑफ़िस स्टाफ़ की ख़ूब तारीफ़ की, जो उन्हें सपोर्ट करते हैं.
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ऐसे ही हर लड़की को अपनी योग्यता का परिचय देते हुए अपनी ज़िंदगी में निर्णय लेना चाहिए और आगे बढ़ना चाहिए.