Kamala Negi Tire Doctor: महिलाओं की शक्ति को हम वहीं कम कर देते हैं, जैसे ही उनकी तुलना पुरूष से करते हैं क्योंकि कभी किसी काम में तुलना होनी ही नहीं चाहिए. ये हम इंसानों का बनाया हुआ है कि ये काम महिला कर सकती है और ये काम पुरूष. हमारी इसी सोच ने महिलाओं को चारदीवारी के अंदर बंद करके रख दिया है और पुरूषों को खुले आसमान का परिंदा बना दिया है. सारा खेल सीख का है जिस दौर में महिलाओं को जो सिखाया गया उन्होंने वही किया इसी को महिलाओं का भाग्य मान लिया गया, लेकिन बदलते दौर ने महिलाओं की सीख और भाग्य दोनों को बदल दिया है. इसी वजह से आज महिलाएं वो करने से न डरती हैं न झिझकती, जिसे हमारा समाज पुरूषों के लिए उपयुक्त समझता है. अब नैनीताल की रहने वाली 57 साल की कमला नेगी को ही देख लीजिए, जो जेसीबी से लेकर बाइक तक के टायर को चुटकी में ठीक कर देती हैं.
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Kamala Negi Tire Doctor
18 साल टायर पंक्चर का काम कर रही कमला नेगी को लोग ‘आयरन लेडी’ और ‘टायर स्पेशलिस्ट दीदी’ कहकर बुलाते हैं. उत्तराखंड के नैनीताल ज़िले के रामगढ़ ब्लॉक ओड़ाखान की रहने वाली कमला नेगी पंक्चर ठीक करने के साथ-साथ बाइक और कार की सर्विसिंग का काम भी करती हैं. अगर आप उत्तराखंड जाएं और गाड़ी की किसी भी समस्या से उलझ रहे हैं तो रामगढ़-मुक्तेश्वर मार्ग पर टायरों की डॉक्टर कमला नेगी की दुकान है वहीं चले जाइएगा.
जहां कमला की दुकान है उसके 25 किमी रेंज तक कोई और पंक्चर की दुकान नहीं है. कमला नेगी बताती हैं कि,
2004 से वो ये काम कर रही हैं तब से लेकर आज तक वो जेसीबी, स्कूटर, कार, ट्रक, बस सहित सभी वाहनों के टायर पंक्चर ठीक कर सकती हैं. कमला ने शुरुआत साइकिल के पंक्चर ठीक करने से की थी फिर धीरे-धीरे लोग उनके पास मोटरसाइकिल और स्कूटर लाने लगे और उन्होंने इनके टायर भी कर दिए. लोग कमला के इस हुनर को देखकर हैरान रह जाते हैं.
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कमला नेगी दिन भर में 5-6 पंक्चर बनाती हैं इनको सिर्फ़ इनके ही गांव में ही नहीं, बल्कि आस-पास के गांव में भी लोग जानते हैं. टायर पंक्चर का काम करने के अलावा, कमला गांव की चिराग संस्था से भी जुड़ी हुई हैं. ये संस्था कृषि क्षेत्र में काम करती है, इसी के ज़रिए वो महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने की कोशिश करती हैं. कमला के अनूठे योगदान के लिए उन्हें साल 2010 में महिला समाख्या की ओर से सम्मानित किया जा चुका है. उनका कहना है कि,
मेहनत और लगन हो तो किसी भी काम को किया जा सकता है और उसमें सफलता पाई जा सकती है. साथ ही कहा कि सीखने की चाह हो तो मंज़िल ज़रूर मिलती है.
-कमला नेगी
इतना ही नहीं, कमला रामगढ़ ब्लॉक के दाड़िमा गांव की अखंड ज्योति स्वयं सहायता समूह की अध्यक्षा भी हैं. इनकी कोशिशों के चलते इस समूह के खाते में अब तक 1 लाख रुपये से ज़्यादा जमा हो चुका है. इन रुपयों को महिलाओं के विकास में खर्च किया जाता है. इससे अब तक 8 महिलाएं जुड़ चुकी हैं. इस समूह से जुड़ी महिलाओं को अगर कभी पैसों की ज़रूरत हो तो वो 1% के ब्याज़ पर 20 से 40 हजार रुपये ले सकती हैं.
आपको बता दें, कमला नेगी के पति उनका पूरा साथ देते हैं. इनके दो बच्चे हैं, जिनमें एक बेटा है, जो सेना में कार्यरत है और बेटी की शादी हो चुकी है.