अपने शरीर से एक जान को जन्म देना आसान काम नहीं है. कहते हैं कि एक औरत को डिलीवरी के दौरान होने वाला दर्द एक्सीडेंट में लगने वाली चोट जितना होता है. वो इस दर्द को सहती है, इसीलिए उसका स्थान पुरुष से ऊपर रखा गया है. हालांकि कई महिलाएं डिलीवरी के दौरान होने वाले पेन को इतना बड़ा बना देती हैं कि बाकी लड़कियों के लिए मां बनने की प्रक्रिया भावनात्मक और आध्यात्मिक से ज़्यादा, शारीरिक पीड़ा ज़्यादा बन जाती है.
प्रेगनेंसी से जुड़े ऐसे ही कई भ्रम और मिथकों को तोड़ने की कोशिश की है ब्रिसबेन, ऑस्ट्रेलिया की Hayley Cotton ने. Hayley को लगता है कि प्रेगनेंसी के दौरान होने वाली परेशानियां उतनी बड़ी नहीं होती, जितना उन्हें बना दिया जाता है.
चाइल्डबर्थ कितना प्रेरणादायक और खू़बसूरत हो सकता है, ये बताने के लिए Hayley ने जन्म के पारंपरिक तरीके के बजाए वॉटर बर्थ की मदद से डिलीवरी की.
इस पूरे प्रोसेस में उसके साथ उसके हस्बैंड और दो दाई भी थी. उन्हें किसी दवाई या पेन किलर की ज़रूरत नहीं पड़ी. इस बच्चे के जन्म से पहले वो भी बाकी लड़कियों की तरह डरी हुई थी.
उन्होंने लोगों से इस बारे में कई बातें सुनी हुई थी, लेकिन मैं दुनिया को एक नई कहानी सुनानी चाहती थी. वो कहानी जिसमें दर्द की जगह सुकून है, जिसमें चीख की जगह वात्सल्य है.
मुझे दर्द हुआ, लेकिन मैंने उस दर्द के आगे ख़ुद को सरेंडर कर दिया. शायद ये ही सबसे सही तरीका है इस प्रक्रिया को अपना बनाने का.
Hayley की कहानी ने बहुत लोगों को प्रेरित किया होगा, ऐसी आशा करते हैं. और अगर उसकी कहानी से किसी और के लिए ये यात्रा खू़बसूरत बने, इससे अच्छा और कुछ नहीं हो सकता.
Source: Emma Jean Photographic Tales