Rayyana Barnawi Saudi Arabia : पूरी दुनिया में महिलाओं की हर क्षेत्र में भागीदारी में तेज़ी से बढ़ोतरी देखी जा रही है. इन सबको देखते हुए रूढ़िवादी माने जाने वाले देश भी अपनी सोच में बदलाव लाने की कोशिश करते दिखाई दे रहे हैं. इसी कड़ी में सऊदी अरब (Saudi Arabia) नई पहल करने जा रहा है. दरअसल, सऊदी अरब से पहली महिला स्पेस में 9 मई को छलांग लगाने को तैयार है.

जी हां, सऊदी अरब की रेयाना बरनावी (Rayyana Barnawi) 9 मई 2023 को रेयाना इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) के लिए रवाना होंगी. कई मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, उनके साथ एक पुरुष एस्ट्रोनॉट अल-कर्नी भी इस 10 दिन के मिशन के लिए स्पेस स्टेशन से उड़ान भरेंगे. रिपोर्ट्स के मुताबिक, वो AX-2 स्पेस मिशन का क्रू ज्वाइन करेंगी. क्रू फ्लोरिडा से ISS के लिए उड़ान भरेगा.

Rayyana Barnawi Saudi Arabia

आइए आपको सऊदी अरब की पहली महिला एस्ट्रोनॉट बनने जा रहीं रेयान बरनावी के बारे में बता देते हैं.

कौन हैं रेयाना बरनावी?

रेयाना बरनावी एक 33 वर्षीय बायोमेडिकल रिसर्चर हैं. उन्होंने न्यूज़ीलैंड की ओटागो यूनिवर्सिटी से अपना बायोमेडिकल साइंसेज़ में बैचलर पूरा किया है. उनके पास रियाध की अलफ़ैज़ल यूनिवर्सिटी से बायोमेडिकल साइंस में मास्टर की डिग्री भी है. कैंसर स्टेम सेल रिसर्च में 9 साल के एक्सपीरियंस के बाद वो ISS के साथ मिशन एक्सपेरिमेंट्स का संचालन करेंगी.

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रेयाना इस स्पेस संस्था का हैं हिस्सा

रेयाना एग्ज़ियोम स्पेस ऑफ़िशियल्स का हिस्सा हैं. इन ऑफ़िशियल्स को नासा (NASA) के एस्ट्रोनॉट पेगी व्हाइटसन और टेनेसी से बिज़नेसमैन जॉन शॉफ़नर ज्वाइन करेंगे और स्पेसX ड्रैगन अंतरिक्ष यान पर ISS से उड़ान भरेंगे. ये मिशन प्राइवेट स्पेस कंपनी एग्ज़ियोम स्पेस शुरू कर रही है.

सऊदी अरब में महिलाओं को मिल रहे हैं मौके

सऊदी अरब में महिलाओं की स्थिति किसी से छिपी नहीं है. वहां महिलाओं के सीमित अधिकार हैं और उन पर कई सार्वजनिक प्रतिबन्ध हैं. हालांकि, वैश्विक तौर पर अपनी छवि बदलने के लिए ये देश बीते कुछ समय से महिलाओं के हक़ में फ़ैसले दे रहा है, जिससे स्थिति बेहतर होने की उम्मीद लगाई जा रही है. इससे पहले साल 2017 में सऊदी के क्राउन प्रिंस और प्रधानमंत्री मोहम्‍मद बिन सलमान ने सऊदी की महिलाओं को बिना पुरुष गार्जियन के ड्राइविंग करने की अनुमति दी थी. इसके अलावा सऊदी अरब में बिना पुरुष गार्जियन के महिलाओं को अकेले हवाई यात्रा का भी अधिकार दिया जा चुका है.

रेयाना के इस स्पेस मिशन पर जाने के बाद सऊदी की महिलाओं में भी इस क्षेत्र को लेकर जागरूकता बढ़ने की उम्मीद जताई जा रही है.