अकसर ही हम लोग फ़िल्मी हीरो-हीरोइन की बात करते रहते हैं. पर आज बात करते हैं रियल लाइफ़ हीरो की. वो हीरो जिसने कई बेसहारा बच्चों का जीवन संवार दिया. 

इस रियल लाइफ़ हीरो का नाम है ऋचा प्रशांत: 

ऋचा प्रशांत ‘द सुनय फ़ाउंडेशन’ चलाती हैं. इसके चलते वो पिछले 10 सालों में लगभग 500 बच्चों का स्कूल में दाखिला करा चुकी हैं. ऋचा अपनी फ़ाउंडेशन के ज़रिये इन बच्चों को मुफ़्त शिक्षा, किताबें, स्कूली यूनिफ़ॉर्म और मिड-डे मील उपलब्ध कराती हैं. 

ऋचा का कहना है कि वो बुनियादी चीज़ों से वंचित बच्चों के लिये दिल में एक सॉफ़्ट कॉर्नर रखती हैं और उनकी ज़िंदगी में सकारात्मक बदलाव लाना चाहती हैं. इसके अलावा उनका ये भी मानना है कि मानव प्रयासों से ये दुनिया बेहतर हो सकती है. ऋचा मज़दूर और ग़रीब तबके के बच्चों को पढ़ाई का सुरक्षित वातावरण दे रही हैं, ताकि वो दुनिया से ख़ुद को अलग महसूस न करें. 

ऋचा के साथ 100 वॉलंटियर्स भी जुड़े हुए हैं. इनकी उम्र 8 वर्ष से लेकर 80 वर्ष तक है. इसके साथ ही अब ऋचा के फ़ाउंडेशन को परिवार, दोस्तों और कुछ दूसरे संगठनों का भी सहयोग मिल रहा है. 

ऋचा ने इस संगठन की शुरुआत 2009 में 6 बच्चों के साथ की थी, पर अब उनके पास 500 बच्चे हैं. जिन्हें वो ज़िंदगी जीने का लक्ष्य दे रही हैं. ये फ़ाउंडेशन न सिर्फ़ बच्चों को किताबी शिक्षा देता है, बल्कि उनके लिए सेमिनार और वर्कशॉप भी आयोजित कराता है. 

अपने इस नेक काम की शुरुआत के बारे में ऋचा कहती हैं कि ज़िंदगी में कई पड़ाव ऐसे आये जब मुझे लगा कि मुझे सिर्फ़ फ़ायदे के लिये काम नहीं करना चाहिये. शायद ये सोच मेरी परवरिश और मेरे ख़ून में है. 

वाह… ऋचा वाह… हम यही उम्मीद करते हैं कि ये परवरिश दुनिया के हर एक बच्चे को मिले. 

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