बच्चों से लेकर बड़ी-बड़ी कंपनियों तक, महिलाएं सबकुछ संभाल सकती हैं पर कुछ औरतें इससे अभी आगे निकल जाती हैं, पुरुषों ही नहीं इंसानों के लिए तय पैमानों से भी कहीं ज़्यादा आगे.

कौन हैं सीमा राव?
मार्शल आर्ट्स में 7th-Degree ब्लैक बेल्ट पाने वाली वो महिला जो भारत की इकलौती महिला कमांडो ट्रेनर हैं. पिछले 20 सालों में सीमा ने, रेगिस्तान से लेकर बर्फ़ीले स्थानों पर जाकर 20 हज़ार से भी ज़्यादा सिपाहियों को बिना किसी Compensation के कमांडो ट्रेनिंग दे रही है.

पेशे से डॉक्टर होने के बावजूद चुनी कठिन राह
सीमा मेडिकल की पढ़ाई कर रही थीं और वहीं वो मेजर डॉ.दीपकर राव से मिलीं. एक आम महिला का मिलिट्री ट्रेनिंग देने जैसी कठिन मंज़िल पाना आसान नहीं था. पहला, मिलिट्री आम आदमी के प्रतिकूल नहीं है. दूसरा, कभी किसी आम आदमी को मिलिट्री और कॉम्बेट ट्रेनिंग देते हुए सुना भी नहीं गया है. तीसरा, एक महिला के लिए ये और परेशानी भरा सफ़र है.

मुझे पता था कि मुझे मेरी Physical Skills पर काम करना होगा और मैंने कड़ी मेहनत की.
-डॉ. सीमा राव
गुंडों से हुई थी भिड़ंत
90 के दशक में ही सीमा और दीपक दक्षिण मुंबई के गिरगौम चौपाटी क्षेत्र में ट्रेनिंग कर रहे थे. तभी कुछ कचरा बीनने वालों से इनकी भिड़त हो गई. दीपक ने सीमा से कहा,
ये तुम्हारी लड़ाई है, खुद लड़ो. तुम तैयार हो.
-मेजर डॉ. दीपक राव
कड़ी ट्रेनिंग के फलस्वरूप सीमा ने उनसे अकेले ही मुक़ाबला कर लिया और चाकू से सिर्फ़ उनकी टी-शर्ट पर ख़रोंच आई.

पुणे सिटी पुलिस की ट्रेनिंग से की शुरुआत
सीमा और दीपक ने 90 के दशक में पुणे सिटी पुलिस को ट्रेनिंग देकर अपने सफ़र की शुरुआत की. मॉर्निंग वॉक के दौरान ये दोनों पुणे पुलिस के कमान्डेंट से मिले और अपनी Skills का प्रदर्शन किया. दोनों को पुणे पुलिस के लिए Unarmed Combat Workshop आयोजित करने के लिए कहा गया और फिर इसके बाद इन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा.

भारतीय मिलिट्री की राव रिफ़्लेक्स शूटिंग मेथड इन दोनों की देन है
जैसे-जैसे ट्रेनिंग देने के एसाइनमेंट आने लगे, सीमा अलग-अलग गुर सीखने लगीं. मार्शल आर्ट्स के बाद शूटिंग की प्रैक्टिस करने लगीं. सीमा बताती हैं,
मैं 75 Yard की दूरी से AK-47 द्वारा अपने पति के सिर पर रखे सेब को शूट कर सकती हूं.
-डॉ. सीमा राव
सीमा और दीपक ने मिलकर राव रिफ़्लेक्स शूटिंग मेथड विकसित किया है. इस मेथड से जल्द से जल्द और परफ़ेक्ट्ली टारगेट पर निशाना लगाया जाता है. सीमा 9mm Pistol से 2 मिनट के अंदर 5 निशाने लगा सकती हैं.

कई बार ज़ख़्मी होने के बावजूद नहीं किया Quit
सफ़लता की राह में कई चीज़ें बलिदान करनी पड़ती है. सीमा ने भी मां ने बनने का निर्णय लिया और बाद में एक बेटी को गोद लिया. सीमा के शब्दों में,
मां बनना एक ख़ूबसूरत एहसास है पर इससे कई Physical Changes भी आते हैं. मेरा हमेशा टॉप फ़ॉर्म में रहना बेहद ज़रूरी है.
-डॉ. सीमा राव
सीमा को एक एसाइनमेंट के दौरान सिर पर चोट लगी थी जिससे उन्हें हफ़्तों तक Amnesia झेलना पड़ा था. Monkey Rope Exercise के दौरान वे 50 फ़ीट नीचे गिरी थी और उन्हें Spinal Injury हुई थी, जिस कारण उन्हें हफ़्तों तक बिस्तर पर रहना पड़ा था. पर सीमा ने कभी हार नहीं मानी.