‘सफ़लता के लिए व्यक्तिगत दक्षता नहीं, सामूहिक क्षमता महत्वपूर्ण है.’ ये शब्द हैं 58 वर्षीय मेजर जनरल माधुरी कानिटकर के, जो कि पुणे के Armed Forces Medical College(AFMC) की डीन है. ये देश की तीसरी महिला हैं जिन्हें लेफ़्टिनेंट जनरल का औहदा मिला है.

देश की तीसरी महिला लेफ़्टिनेंट माधुरी कानिटकर के साथ एक और उपलब्धि जुड़ी है. इनके पति राजीव कानिटकर भी सेना में लेफ़्टिनेंट जनरल की रैंक रखते हैं. ये पहली पति-पत्नी की जोड़ी है, जो सेना में एक ही रैंक पर काम कर रहे हैं.

माधुरी कानिटकर बच्चों के रोग विशेषज्ञ हैं, इनका प्रोमोशन इस साल फ़रवरी महीने में हुआ लेकिन लेफ़्टिनेंट जनरल का पद साल के अंत में पद खाली होने पर मिलेगा.
पिछले 36 सालों से सेना में कार्यरत माधुरी कानिटकर प्रधानमंत्री की Scientific And Technical Advisory Board की सदस्य भी हैं.

माधुरी ने Paediatrics And Training In Paediatric Nephrology में पोस्ट ग्रेजुएशन की पढ़ाई AIIMS से की थी. छात्र जीवन में वो एक गोल्डमेडलिस्ट थी.
उन्होंने अपने दम पर पुणे और दिल्ली में बच्चों की किडनी से जुड़ी बिमारियों की जांच की यूनिट स्थापित कर दी. 2017 में माधुरी AFMC की पहली महिला डीन बनीं.