तश्नुवा आनन शिशिर बांग्‍लादेश की पहली ट्रांसजेंडर न्‍यूज़ एंकर बन गईं हैं. अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के मौक़े पर तश्नुवा ने न्यूज़ बुलेटिन पढ़ कर करियर की नई शुरूआत की. 8 मार्च को जब तश्नुवा ने Boishakhi TV चैनल पर 3 मिनट तक ख़बरें पढ़ी, तो हर कोई स्तब्ध था.  

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तश्नुवा की शानदार शुरूआत उनके लिये ख़ुशियों की सौगात लाई है. इसके साथ ही किन्नर समाज के लिये आशा की किरण भी. तश्नुवा कहती हैं कि उन्हें किशोरावस्था में पता चला चुका था कि वो आम इंसान नहीं हैं. उनके अंदर एक पुरुष भी छिपा है. बीते दिनों को याद करते हुए उन्होंने ये भी बताया कि किन्नर होने की वजह से बचपन में उनका यौन उत्पीड़न किया गया.  

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क्यों सभी के लिये प्रेरणा हैं तश्नुवा?


तश्नुवा बताती हैं कि बचपन में उन्हें बहुत सताया जाता था. वो लोगों से इतना तंग आ गईं थीं कि चार बार आत्महत्या करने की कोशिश भी की. यही नहीं, कई सालों तक उनके पिता ने भी उनसे बात नहीं की. तश्नुवा को इतना परेशान किया गया कि वो घर से भागकर ढाका के नारायणगंज में अकेले रहने चली गईं.  

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तश्नुवा ने पढ़ाई के दौरान हार्मोन थेरेपी कराई. अभिनय करके अपना पेट भरा. यही नहीं, उन्होंने कई जॉब भी बदली और इसके साथ ही चैरिटी भी की. हांलाकि, तश्नुवा यहां कहां रुकने वाली थीं, इसलिये वो न्यूज़ चैनल पर एंकर का ऑडिशन देने चली गईं. वो कहती हैं कि उन्होंने कई चैनल में नौकरी का ट्राई किया, लेकिन सेलेक्ट सिर्फ़ Boishakhi TV ने किया.  

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गिर कर उठने की मिसाल तश्नुवा हैं और इन्हें दिल से सलाम!